इस तरह हुई शिक्षक की मौत
अछनेरा के प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र राजेन्द्र सिंह ने 8 नवंबर की रात को आत्महत्या कर ली थी। कारण था परिवार की आर्थिक तंगी। परिवारीजनों ने बताया कि दिवाली पर भी विभाग से मानदेय जारी नहीं हुआ, जिससे पूरा परिवार बेहद परेशान था। त्योहार पर घर में कोई सामान नहीं था। राजेन्द्र सिंह के चार बच्चे हैं। दिवाली पर ये दर्द राजेन्द्र सिंह सहन नहीं कर पाए और आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाया। राजेन्द्र की मौत से परिवार वालों में ही नहीं, बल्कि जब स्कूल में उनकी मौत की खबर पहुंची, तो बच्चों के साथ स्कूल के पूरे स्टॉफ में शोक की लहर दौड़ गई।
अछनेरा के प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र राजेन्द्र सिंह ने 8 नवंबर की रात को आत्महत्या कर ली थी। कारण था परिवार की आर्थिक तंगी। परिवारीजनों ने बताया कि दिवाली पर भी विभाग से मानदेय जारी नहीं हुआ, जिससे पूरा परिवार बेहद परेशान था। त्योहार पर घर में कोई सामान नहीं था। राजेन्द्र सिंह के चार बच्चे हैं। दिवाली पर ये दर्द राजेन्द्र सिंह सहन नहीं कर पाए और आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाया। राजेन्द्र की मौत से परिवार वालों में ही नहीं, बल्कि जब स्कूल में उनकी मौत की खबर पहुंची, तो बच्चों के साथ स्कूल के पूरे स्टॉफ में शोक की लहर दौड़ गई।
ये बोले मासूम
राजेन्द्र सिंह अछनेरा के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा दो के बच्चों को पढ़ाते थे। कक्षा दो की छात्रा प्रियंका ने बताया कि गुरु जी बहुत अच्छे थे। कभी किसी डांटते नहीं थे, तो बहुत प्यार से पढ़ाया करते थे। वहीं छात्रा रुचि से जब बात हुई, तो अपने गुरु जी के बारे में बताते हुए वह फूट-फूटकर रोने लगी। स्कूल के शिक्षकों से बात हुई, तो उन्होंने बताया कि राजेन्द्र का स्वभाव बेहद सरल था। हर किसी के दिल में जगह बना लेते थे। उनकी मौत की खबर ने झकझोर कर रख दिया।
राजेन्द्र सिंह अछनेरा के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा दो के बच्चों को पढ़ाते थे। कक्षा दो की छात्रा प्रियंका ने बताया कि गुरु जी बहुत अच्छे थे। कभी किसी डांटते नहीं थे, तो बहुत प्यार से पढ़ाया करते थे। वहीं छात्रा रुचि से जब बात हुई, तो अपने गुरु जी के बारे में बताते हुए वह फूट-फूटकर रोने लगी। स्कूल के शिक्षकों से बात हुई, तो उन्होंने बताया कि राजेन्द्र का स्वभाव बेहद सरल था। हर किसी के दिल में जगह बना लेते थे। उनकी मौत की खबर ने झकझोर कर रख दिया।