सीकरी से सीमा उपाध्याय का लड़ना तय
लोकसभा चुनाव 2014 और विधानसभा 2017 के नतीजे बसपा के लिए बहुत ही निराशाजनक रहे। लेकिन, 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बसपा में नई संजीवनी हाथ लगी है। गोरखपुर, फूलपुर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों पर हुए चुनावों में भाजपा को मिली हार इस संजीवनी का कारण माना जा रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बहुत पहले ही चुनाव की घोषणा कर दी थी। दावेदारों के लिए आवेदन लेने के लिए उन्होंने निर्देश दिए थे। दलितों की राजधानी में दो सीटों पर दावेदारों की लंबी चौड़ी कतारें लगी है। चुनाव में टिकट मांगने वालों में ऐसे नाम भी शामिल हैं जो पिछले कई चुनाव में टिकट ले चुके हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्व लोकसभा प्रत्याशी रह चुके कुंवर चंद्र वकील, एक आईपीएस की बहन सीमा सहित राकेश भास्कर, देवेंद्र सिंह, लवेश कुमार सहित गोरेलाल तक का नाम चर्चाओं मं है। वहीं फतेहपुरसीकरी सीट से पूर्व मंत्री की पत्नी और पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। सीमा उपाध्याय के लिए पार्टी नेता फतेहपुरसीकरी की जमीन तैयार करने में जुटे हैं।
लोकसभा चुनाव 2014 और विधानसभा 2017 के नतीजे बसपा के लिए बहुत ही निराशाजनक रहे। लेकिन, 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बसपा में नई संजीवनी हाथ लगी है। गोरखपुर, फूलपुर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों पर हुए चुनावों में भाजपा को मिली हार इस संजीवनी का कारण माना जा रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बहुत पहले ही चुनाव की घोषणा कर दी थी। दावेदारों के लिए आवेदन लेने के लिए उन्होंने निर्देश दिए थे। दलितों की राजधानी में दो सीटों पर दावेदारों की लंबी चौड़ी कतारें लगी है। चुनाव में टिकट मांगने वालों में ऐसे नाम भी शामिल हैं जो पिछले कई चुनाव में टिकट ले चुके हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्व लोकसभा प्रत्याशी रह चुके कुंवर चंद्र वकील, एक आईपीएस की बहन सीमा सहित राकेश भास्कर, देवेंद्र सिंह, लवेश कुमार सहित गोरेलाल तक का नाम चर्चाओं मं है। वहीं फतेहपुरसीकरी सीट से पूर्व मंत्री की पत्नी और पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। सीमा उपाध्याय के लिए पार्टी नेता फतेहपुरसीकरी की जमीन तैयार करने में जुटे हैं।
टिकट के लिए दावेदारों की कतार गठबंधन पर संशय
बहुजन समाज पार्टी में लोकसभा 2019 के चुनाव के लिए दावेदारों की लंबी सूची है। लेकिन, अभी गठबंधन पर संशय बरकरार है। आरएलडी सहित छोटे दलों के साथ चुनाव लड़ना माना जा रहा है। कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर पूरे जोश के साथ लोकसभा चुनाव जीतने के लिए संदेा दिया जा रहा है।
बहुजन समाज पार्टी में लोकसभा 2019 के चुनाव के लिए दावेदारों की लंबी सूची है। लेकिन, अभी गठबंधन पर संशय बरकरार है। आरएलडी सहित छोटे दलों के साथ चुनाव लड़ना माना जा रहा है। कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर पूरे जोश के साथ लोकसभा चुनाव जीतने के लिए संदेा दिया जा रहा है।