ये खबर भी पढ़ सकते हैं: मोदी के मन की बात के अब कांग्रेस पार्टी करेगी कार्यकर्ताओं से सीधी बात! दलित बस्तियों में दे रहे जानकारी
दलितों के हितों की रक्षा करने वाले संगठन सक्रिय है। सपोर्ट इंडिया संस्था द्वारा लगातार दलितों को उनके अधिकारों की जानकारी दी जा रही है। सपोर्ट इंडिया के एडवोकेट सुरेश चंद्र सोनी का कहना है कि दलितों को पहले दो वोट का अधिकार देने का प्रस्ताव था। यदि ये अधिकार जारी रहता तो आज विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा के साथ साथ विधानपरिषद में दलितों के हितों की रक्षा करने वाले नेता मौजूद होते। लेकिन, संगीनों के साए में पूना एक्ट में हस्ताक्षर कराकर दलितों के हितों की रक्षा का हवाला दिया गया लेकिन, सरकारों ने कुछ नहीं किया। आज दलितों की आवाज दबाने का काम किया जा रहा है। दलितों को सपोर्ट इंडिया उनके अधिकारों की जानकारी दे रही है। इसके लिए समय समय पर सपोर्ट इंडिया द्वारा पंचायत की जा रही हैं।
दलितों के हितों की रक्षा करने वाले संगठन सक्रिय है। सपोर्ट इंडिया संस्था द्वारा लगातार दलितों को उनके अधिकारों की जानकारी दी जा रही है। सपोर्ट इंडिया के एडवोकेट सुरेश चंद्र सोनी का कहना है कि दलितों को पहले दो वोट का अधिकार देने का प्रस्ताव था। यदि ये अधिकार जारी रहता तो आज विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा के साथ साथ विधानपरिषद में दलितों के हितों की रक्षा करने वाले नेता मौजूद होते। लेकिन, संगीनों के साए में पूना एक्ट में हस्ताक्षर कराकर दलितों के हितों की रक्षा का हवाला दिया गया लेकिन, सरकारों ने कुछ नहीं किया। आज दलितों की आवाज दबाने का काम किया जा रहा है। दलितों को सपोर्ट इंडिया उनके अधिकारों की जानकारी दे रही है। इसके लिए समय समय पर सपोर्ट इंडिया द्वारा पंचायत की जा रही हैं।
लोकसभा चुनाव में दिखेगा असर
सवर्ण लगातार एससी एसटी एक्ट को लेकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। आगरा में छह सितम्बर को सवर्णों ने भारत बंद किया था। जिसमें आगरा में भी सवर्णों ने भारत बंद में भागीदारी दिखाई थी। राजनीतिक मामलों को जानकार और प्रोफेसर पीयूष कुलश्रेष्ठ का मानना है कि यदि केंद्र सरकार ने एससी एसटी एक्ट पर कोई ठोस राय सवर्ण समाज के बीच नहीं रखी तो इसका खामियाजा उन्हें लोकसभा चुनाव 2019 में उठाना पड़ सकता है। ऐसे में गैरदलित संगठन को इसका लाभ मिलने की अधिक संभावनाएं हैं।
सवर्ण लगातार एससी एसटी एक्ट को लेकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। आगरा में छह सितम्बर को सवर्णों ने भारत बंद किया था। जिसमें आगरा में भी सवर्णों ने भारत बंद में भागीदारी दिखाई थी। राजनीतिक मामलों को जानकार और प्रोफेसर पीयूष कुलश्रेष्ठ का मानना है कि यदि केंद्र सरकार ने एससी एसटी एक्ट पर कोई ठोस राय सवर्ण समाज के बीच नहीं रखी तो इसका खामियाजा उन्हें लोकसभा चुनाव 2019 में उठाना पड़ सकता है। ऐसे में गैरदलित संगठन को इसका लाभ मिलने की अधिक संभावनाएं हैं।