चक्कर लगवा रहे लेखपाल यह कहना है कि भारतीय किसान यूनियन के सोमवीर यादव और श्याम सिंह चाहर का। उन्होंने बताया – किसानों को शासन एवं प्रशासनिक अधिकारी ***** बनाने का काम कर रहे हैं। किसानों को खसरा खतौनी की नकल के लिए इधर उधर चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, जबकि तहसील के लेखपालों के पास किसानों का पूरा विवरण मौजूद रहता है। दो हजार रुपये के चक्कर में भोल-भाले किसानों को भटकने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
अभी तक नहीं मिला मुआवजा पिछली साल अप्रैल माह में भयंकर तूफान आया था। किसानों को भारी नुकसान की मार झेलनी पड़ी। उसका मुआवजा अभी तक बहुत से क्षेत्रों में आगरा के प्रशासन ने किसानों को नहीं दिया है। पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर सरकार से किसानों के लिए आई हुई धनराशि का बादरबंट कहां हो गया। विगत दिनों एत्मादपुर विकास खंड एवं खदौली विकास खंड के किसानों की ओलावृष्टि से आलू एवं सरसों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गयी है। इसका मुआवजा मिलेगा या नहीं, कुछ पता नहीं है।
सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों को मिलता हीं नही है। कृषि उपकरण, बीज, खेती में उपयोग होने वाली दवाएं आदि चीजों पर सरकार द्वारा अनुदान राशि किसानों के लिए दी जानी चाहिए। वह अनुदानित राशि कृषि विभाग की मिलीभगत से विभागीय अधिकारियों एवं बाबुओं के माध्यम से दलालों के खाते में चली जाती हैं। किसानों के लिए झुनझुना भी नहीं बच पाता है । जिला कृषि अधिकारी जब चाहें और जहाँ चाहें किसान दिवस लगवाते हैं। उनके लिए किसान की कोई भी तिथि मायने नहीं नहीं रखतीं हैं, जबकि किसान दिवस महीने के तीसरे बुधवार को जिला मुख्यालय पर लगना चाहिए। जिला कृषि अधिकारी की तानाशाही के कारण किसान दिवस निश्चित समय तथा निश्चित स्थान पर नहीं लगता है।
21 फरवरी को मुंडन कराएंगे उन्होंने बताया कि जिला कृषि अधिकारी की तानाशाही तथा किसानों की जायज मांगों को लेकर किसान 21फरवरी, 2019 को सुबह 11 बजे जिलाधिकारी कार्यालय आगरा पर मुण्डन करवाएंगे। कटे हुए बाल लिफाफे में भर कर पंजीकृत डाक से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजेंगे।