scriptइस फॉर्मूले से महागठबंधन को जवाब देगी भाजपा! विशेष रणनीति पर चल रहा विचार | BJP Strategy for Loksabha Chunav 2019 | Patrika News

इस फॉर्मूले से महागठबंधन को जवाब देगी भाजपा! विशेष रणनीति पर चल रहा विचार

locationआगराPublished: Feb 16, 2019 03:23:11 pm

चूंकि संघर्ष कड़ा रहेगा इसलिये भाजपा नई रणनीति के तहत मैदान में उतर सकती है।

आगरा। भले ही आम चुनाव की घोषणा नहीं हुई हो लेकिन कांग्रेस और भाजपा ने चुनावी घोड़े दौड़ाने शुरू कर दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह और राहुल गांधी की ताबड़तोड़ चुनावी सभाओं ने देश को चुनावी मोड पर ला दिया है। यूपी में राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी के रूप में जो मास्टर स्ट्रोक खेला है उससे भाजपा और सपा बसपा गठबंधन के अंत: पुर में बेचैनी साफ देखी जा सकती है।
तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मात देने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिए प्रियंका गांधी के रूप में तुरुप का इक्का चला है। जिससे वेंटिलेटर पर पड़ी कांग्रेस अचानक से दौड़ने की मुद्रा में आ गई है। उत्तर प्रदेश में जो सपा बसपा कांग्रेस को भाव देने की स्थिति में नहीं दिख रही थी ताजा घटनाक्रम के तहत अब अखिलेश और मायावती के सुर भी कांग्रेस के प्रति नरम दिख रहे हैं।
महागठबंधन से बदले समीकरण

यूपी में प्रियंका गांधी के आने के बाद अब कांग्रेस के भी बसपा और सपा के गठबंधन में शामिल होने के कयास लगाये जा रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि कांग्रेस मोदी के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को रोकने के लिये और 2017 के परिणामों के मद्देनजर गठबंधन का हिस्सा बन इसे महागठबंधन बनाने का प्रयास करेगी। यही वजह है कि इस महागठबंधन को शिकस्त देने के लिये भगवा खेमे ने भी बृज की सीटों पर भी विशेष रणनीति के तहत तैयारी प्रांरभ कर दी है। भगवाई सूत्रों के मुताबिक आगरा की सीकरी सीट पर महागठबंधन के एकसाथ आने के बाद इस पर दोबारा भगवा ध्वज लहराना आसान नही है। चूंकि संघर्ष कड़ा रहेगा इसलिये यहां पर मथुरा की सांसद हेमामालिनी को 2019 के मद्देनजर उतारा जा सकता है व मथुरा की सीट पर कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा को उतारा जा सकता है। इसके अलावा ताजनगरी आगरा में भी आगरा सुरक्षित पर फेरबदल से इंकार नहीं किया जा रहा है क्योंकि महागठबंधन के अस्तित्व में आने के बाद आगरा सुरक्षित पर भी जातिय समीकरण भगवा खेमे के हिसाब से जटिल हो जायेंगे।
क अनुमान के मुताबिक आगरा सुरक्षित लोकसभा पर तकरीबन 4 लाख जाटव, 3 लाख मुस्लिम और 1.5 लाख यादव मतदाता हैं। इसके गणित के हिसाब से महागठबंधन का पलड़ा यहां पर भी भारी है। यही वजह है कि यहां पर कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल के अलावा अशोक प्रधान का नाम भी तेजी से चल निकला है क्योंकि पार्टी इस सीट को किसी भी कीमत पर जीतना चाहती है।
सांसदों के कामकाज पर निगाह

विश्वसनीय भगवा सूत्रों के मुताबिक इस बार करो या मरो वाली स्थिति महागठबंधन के मद्देनजर 2019 के सियासी समर में रहने वाली है यही वजह है कि भगवा खेमा इस बार विशेष रणनीति के तहत 2019 के सियासी मैदान में उतरेगा। भगवा खेमा मौजूदा सांसदों के कामकाज पर भी निगाह रखे हुए है जिन सांसदों का कामकाज ठीक होगा उनको दोबारा रिपीट किया जाएगा वहीं जो सांसद जनता के मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं उनके टिकट काटे जा सकते हैं तो तमाम सांसदों के क्षेत्र भी बदले जाने की खबरें है लेकिन यह राजनीति है जिसमें कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता। चुनावी मौके पर हर घंटे में राजनीतिक दलों की रणनीति बनती है अब देखने वाली बात ही होगी वर्तमान तमाम सांसदों के टिकट कटने की जो खबरें हैं वह कहां तक सत्य हैं।
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