सहारनपुर के रहने वाले हैं पिता
रामलाल वृद्धाआश्रम में पिछले तीन माह से रह रहे 85 वर्षीय कल्लो कुमार ने बताया कि उनके चार पुत्र हैं। तीन पुत्र डॉक्टर हैं और एक पुत्र इंजीनियर है। इंजीनियर पुत्र देहरादून में रहता है और वहां भाजपा में बड़ा नेता है। उन्होंने बताया कि इंजीनियर पुत्र का नाम अशोक है, जो भारतीय जनता पार्टी में मंत्री भी है। हाल ही में उसने अपनी पुत्री की शादी की थी, भाजपा के तमाम बड़े नेता आए थे, लेकिन उन्हें नहीं बुलाया गया। उन्हें बहुत बुरा लगा। आज फादर्स डे है, पिता की याद आई, लेकिन दौलत के नशे में चूर पुत्र ने एक फोन तक करके पिता का हाल तक नहीं जाना।
रामलाल वृद्धाआश्रम में पिछले तीन माह से रह रहे 85 वर्षीय कल्लो कुमार ने बताया कि उनके चार पुत्र हैं। तीन पुत्र डॉक्टर हैं और एक पुत्र इंजीनियर है। इंजीनियर पुत्र देहरादून में रहता है और वहां भाजपा में बड़ा नेता है। उन्होंने बताया कि इंजीनियर पुत्र का नाम अशोक है, जो भारतीय जनता पार्टी में मंत्री भी है। हाल ही में उसने अपनी पुत्री की शादी की थी, भाजपा के तमाम बड़े नेता आए थे, लेकिन उन्हें नहीं बुलाया गया। उन्हें बहुत बुरा लगा। आज फादर्स डे है, पिता की याद आई, लेकिन दौलत के नशे में चूर पुत्र ने एक फोन तक करके पिता का हाल तक नहीं जाना।
पूरी उम्र लगा दी बच्चो के लिए
कल्लो कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी उम्र बच्चों की पढ़ाई के लिए मेहनत करने में गुजार दी। परचून की दुकान की और खेती भी की। बच्चों को बेहतरीन शिक्षा दिलाई, जिसका परिणाम बहुत अच्छा निकला। तीन पुत्र डॉक्टर बने और एक इंजीनियर। आज चारो ही पुत्र धन दौलत में खेल रहे हैं, लेकिन दुख इस बात का है, कि इस पिता के लिए दो वक्त की रोटी किसी भी पुत्र के पास नहीं है। उन्होंने बताया कि उन्होंने जो बुढ़ापे के लिए कुछ पैसे जमा किए थे, वो जमा पूंजी भी पुत्रों ने धोखे से निकलवा ली और अब वे दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
कल्लो कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी उम्र बच्चों की पढ़ाई के लिए मेहनत करने में गुजार दी। परचून की दुकान की और खेती भी की। बच्चों को बेहतरीन शिक्षा दिलाई, जिसका परिणाम बहुत अच्छा निकला। तीन पुत्र डॉक्टर बने और एक इंजीनियर। आज चारो ही पुत्र धन दौलत में खेल रहे हैं, लेकिन दुख इस बात का है, कि इस पिता के लिए दो वक्त की रोटी किसी भी पुत्र के पास नहीं है। उन्होंने बताया कि उन्होंने जो बुढ़ापे के लिए कुछ पैसे जमा किए थे, वो जमा पूंजी भी पुत्रों ने धोखे से निकलवा ली और अब वे दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
आश्रम में आकर हैं खुश
कल्लो कुमार ने बताया कि बच्चों से दूर रहने का दुख तो हर किसी को होता है, लेकिन आश्रम में आकर कोई दर्द नहीं है। यहां सारी सुविधायें मिल रहीं हैं। समय पर खाना पीना मिलता है, और सबसे बड़ी बात अपनी मर्जी के मालिक हैं। कोई रोक टोक करने वाला नहीं है।
कल्लो कुमार ने बताया कि बच्चों से दूर रहने का दुख तो हर किसी को होता है, लेकिन आश्रम में आकर कोई दर्द नहीं है। यहां सारी सुविधायें मिल रहीं हैं। समय पर खाना पीना मिलता है, और सबसे बड़ी बात अपनी मर्जी के मालिक हैं। कोई रोक टोक करने वाला नहीं है।