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प्रदेश सरकार की यह योजना सहकारी बैंकों को कर सकती है बर्बाद

locationअगार मालवाPublished: Feb 23, 2019 11:03:24 am

Submitted by:

Lalit Saxena

शासन द्वारा ऋण माफी की राशि बैंकों को उपलब्ध करवाना तथा राशि और बैंक को उपलब्ध करवाई गई राशि में जो अंतर होगा

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शासन द्वारा ऋण माफी की राशि बैंकों को उपलब्ध करवाना तथा राशि और बैंक को उपलब्ध करवाई गई राशि में जो अंतर होगा

सुसनेर. शासन द्वारा ऋण माफी की राशि बैंकों को उपलब्ध करवाना तथा राशि और बैंक को उपलब्ध करवाई गई राशि में जो अंतर होगा उसे संस्था को वहन करने के आदेश से बन सकती है स्थिति मप्र सरकार की किसान कर्ज माफी योजना पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। योजना के नए फार्मूले से प्रदेश की अधिकांश सहकारी संस्थाओं के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।
योजना के नए आदेशानुसार शासन द्वारा राशि बैंकों को उपलब्ध करवाये जाने व ऋण माफी योजना के तहत किसानों की माफ की जाने वाले राशि तथा शासन से प्राप्त होने वाली राशि के अंतर को सहकारी संस्थाओं को वहन करने का प्रस्ताव है। यही नहीं सहकारी संस्थाओं से प्रस्ताव का अनुमोदन तथा योजना की सहमति के संबंध में समिति की बैठक में ठहराव प्रस्ताव करवाकर अनुमोदन करवाकर स्व-हस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र मुख्यालय को भेजे जाने के आदेश प्रदेश सरकार के सहकारिता विभाग के अपर आयुक्त ने सभी जिलों के उपायुक्त और सहायक आयुक्त को दिए हैं। इससे कई सहकारी संस्थाओं में ताले लगने की नौबत आ सकती है।
प्रदेश सरकार के सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं के आयुक्त का आदेश सभी जिलों के सहकारिता अधिकारियों को भेजा गया है। इसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत शासन द्वारा अकालातीत ऋण का 100 प्रतिशत, कालातीत ऋण का 75 प्रतिशत तथा डाउटफुल ऋणों के विरुद्ध 50 प्रतिशत राशि बैंकों के माध्यम से समितियों को उपलब्ध करवाना प्रस्तावित है। आदेश के बाद जिला सहकारी बैंक शाजापुर जिसके तहत आगर और शाजापुर जिलों की 156 सहकारी संस्थाओं से जुड़े सदस्य अचरज में है जो संस्थाएं फायदे में हैं वो आदेश का पालन कर सकती हैं किंतु जो घाटे में हैं वे किस तरह से राशि का वहन कर पाएंगी।
400 करोड़ के लगभग होना है कर्ज माफ
शाजापुर व आगर जिले में संचालित सहकारी संस्थाओं पर नियंत्रण रखने वाले जिला सहकारी बैक के अधीन 400 करोड़ की ऋण माफी होना है। जिला सहकारी बैंक वर्तमान में 10 करोड़ के लाभ में है। शासन अगर कर्ज को माफ करता है और जिला सहकारी बैंक द्वारा चाही गई राशि नहीं मिल पाती है तो फिर जिला सहकारी बैंक का संचालन ही खतरे में पड़ सकता है। कारण कर्ज माफी की आस में किसानों ने तीन माह से सहकारी संस्थाओं से लेन-देन नहीं किया है। इस कारण जिला सहकारी बैंक की हालत खस्ता है।
आदेश मिला है
शासन का आदेश मिला है। इसके अनुसार कर्ज माफी योजना की राशि बैंकों को उपलब्ध करवाने तथा किसानों को माफ की जाने वाली राशी तथा शासन से प्राप्त होने वाली राशि के अंतर की राशि संस्थाओं द्वारा वहन करने के प्रस्ताव का अनुमोदन करवाना है। सहकारी संस्थाओं से अनुमोदन मंगवाया जा रहा है।
डीके सरोठिया, सीइओ जिला सहकारी बैंक, शाजापुर

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