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खेत तैयार हैं लेकिन किसान को इस चीज का है इंतजार

locationअगार मालवाPublished: Nov 13, 2018 12:14:57 am

Submitted by:

Lalit Saxena

अभी किसान भावांतर के भंवर से उभर ही नहीं पा रहा है और तरह-तरह की परेशानियां आने लगी हैं। सोयाबीन की फसल बेचकर किसान रबी की फसल की तैयारियों में जुटा हुआ है।

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अभी किसान भावांतर के भंवर से उभर ही नहीं पा रहा है और तरह-तरह की परेशानियां आने लगी हैं। सोयाबीन की फसल बेचकर किसान रबी की फसल की तैयारियों में जुटा हुआ है।

आगर-मालवा. अभी किसान भावांतर के भंवर से उभर ही नहीं पा रहा है और किसानों के सामने तरह-तरह की परेशानियां आने लगी हैं। सोयाबीन की फसल बेचकर किसान रबी की फसल की तैयारियों में जुटा हुआ है। दिन-प्रतिदिन कम हो रहे जल स्तर की चिंता किसान को सताए जा रही है। उपर से रबी फसल की बोवनी करने के लिए किसान को यूरिया तक नहीं मिल पा रहा है। जिले में स्थित २५ सहकारी सोसायटी के सभी वितरण केन्द्रों पर यूरिया पिछले २ दिनों से समाप्त हो चुका है। ८ नवंबर को ४५० मैट्रिक टन यूरिया आया था जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान साबित हुआ। किसान यूरिया खाद अभाव में पिछड़ रहे हैं।
जिले में स्थित २५ सहकारी सोसायटियों द्वारा किसानों को यूरिया एवं अन्य खाद उपलब्ध कराया जाता है। जैसे ही रबी फसल का सीजन आरंभ हुआ तो यूरिया की किल्लत भी सामने आने लगी है। जिले की मांग के अनुरूप यहां के किसानों के लिए यूरिया उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से प्राप्त जानकारी के अनुसार ८ नवंबर को ४५० मैट्रिक टन यूरिया उपलब्ध हुआ था जिसका वितरण कर दिया गया। पिछले २ दिनों से किसी भी वितरण केन्द्र पर यूरिया खाद नहीं है। अभी किसानों को करीब ३ हजार मैट्रिक टन यूरिया खाद की जरूरत लगेगी लेकिन समय से खाद उपलब्ध नहीं हुआ तो किसान खेती में पिछड़ जाएगा। खाद की किल्लत से किसानों की परेशानी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
१.२३ लाख हैक्टेयर में होना है रबी फसल
कृषि विभाग द्वारा जिले में इस बार १ लाख २३ हजार ७०० हैक्टयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । इसमें ४५ हजार हैक्टेयर में गेहूं की फसल, ५५ हजार हैक्टेयर में चना, १२ हजार हैक्टेयर में मसूर, १० हजार हैक्टेयर में सरसो, ७०० हैक्टेयर मटर, १५० हैक्टेयर में अलसी की पैदावार किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। जिले में करीब १ लाख २५ हजार किसान बताए जाते हैं।
यूरिया खाद की मांग निरंतर भेजी जा रही है। जैसे-जैसे खाद आता जा रहा है वैसे-वैसे वितरण भी हो रहा है आगर में रेलवे ट्रैक नहीं होने के कारण शाजापुर या पचौर से खाद ट्रांसपोर्ट कर बुलाया जाता है। संभवत: मंगलवार को रैक लगने वाली है पर्याप्त खाद उपलब्ध हो जाएगा।
आरपी कनेरिया, उप संचालक कृषि
८ नवंबर को ४५० मैट्रिक टन यूरिया खाद मिला था, जिसे सहकारी सोसायटी द्वारा वितरित कर दिया गया २ दिनों से किसी भी संस्था के पास खाद नहीं है। हमारी डीएमओ शाजापुर से चर्चा हुई है। संभवत: मंगलवार को १५०० मैट्रिक टन खाद आगर के लिए आ सकता है।
सुरेश शर्मा, जिला नोडल अधिकारी, सहकारिता बैंक

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