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रंग लाई मेहनत : बदल गई तस्वीर, स्मार्ट बना गांव

locationअगार मालवाPublished: Sep 18, 2018 10:30:38 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

जागरूकता से गांव बना खुले में शौच से मुक्त तो कांक्रीट की बन गर्ई सड़कें, घर-घर में नल, पक्की नालियां

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दुर्गेश शर्मा@आगर-मालवा. ग्राम पंचायत के साथ-साथ यदि ग्रामीण भी सजग रहे तो गांव की एक अच्छी तस्वीर उभरने लगती है। कुछ इसी प्रकार की स्थिति आगर जनपद के ग्राम पालखेड़ी में दिखाई देती है। यहां ग्राम पंचायत सरपंच के साथ-साथ ग्रामीण इतने सजग है कि पूरा गांव उन्नति की ओर अग्रसर हो रहा है। म्हारी मर्यादा अभियान के तहत् यह गांव पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त तो हुआ ही साथ ही पूरे गांव में सीमेंट कांक्रीट की सड़कें, पक्की नाली एवं घर-घर नल है। अब गांव की महिलाओं को कुओं से पानी नही लाना पड़ता है।

जिला मुख्यालय से महज 9 किमी दूर करीब 1 हजार की आबादी वाले ग्राम पालखेड़ी को यूपीए सरकार के समय निर्मल ग्राम के पुरस्कार से नवाजा गया था। पुरस्कार प्राप्त होने का सिलसिला इस ग्राम पंचायत में आज भी बरकरार है। सरपंच शांतिदेवी पालीवाल के कार्यकाल के दौरान स्वच्छता अभियान को सार्थक बनाए जाने पर ग्राम पंचायत को जिला प्रशासन द्वारा 1 लाख रूपए का पुरस्कार भी दिया जा चुका है। जब जिले में खुले में शौच मुक्त करने के लिए म्हारी मर्यादा अभियान चलाया गया तब यह पंचायत सबसे आगे रही और पंचायत के जिन घरों में शौचालय नही थे वहां शौचालय बनवाए गए और गांव को ओडीएफ किया गया। निर्मल भारत अभियान के अंतर्गत गांव में पहले ही शौचालय बन चुके थे बचे हुए 86 शौचालय म्हारी मर्यादा अभियान के अंतर्गत बनावाए गए। यहां प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत भी ग्रामीणों को समय पर समुचित लाभ मिला और गांव में 55 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत होकर तैयार भी हो चुके है। वहीं पंचायत निधि से गांव की हर गली में सीमेंट कांक्रीट कर स्वच्छ किया गया।

सुबह-शाम होता है जल वितरण
शहरों की भांति यहां बकायदा हर घर में एवं प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर पंचायत ने नल स्थापित कर रखे हैं। इसके लिए एक नल ऑपरेटर को भी नियुक्त कर रखा है जो प्रतिदिन सुबह-शाम गांव में जल वितरण व्यवस्था को संभालता है। ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि जब नल नहीं हुआ करते थे तब हमें दूर-दूर से सिर पर पानी भरकर लाना पड़ता था।

प्रतिदिन होती है सफाई
ग्राम पंचायत ने मानदेय पर एक महिला सफाई कर्मचारी को भी नियुक्त कर रखा है जो प्रतिदन गांव की गलियों एवं प्रमुख स्थलों पर साफ-सफाई करती हैं। गांव की नालियां भी प्रतिदिन साफ होती है, जिससे स्वच्छता बरकरार रहती है।

हर घर में है गैस चूल्हा
गांव की सजगता उज्जवला योजना में भी दिखाई दी। ग्रामीणों ने इस योजना का शत् प्रतिशत लाभ लेते हुए हर घर तक गैस चुल्हा पहुंचाया। ग्रामीण कमल पालीवाल ने बताया कि हमारे यहां अब परम्परागत चुल्हे पर महिलाएं बहुत कम काम करती है। हर घर में एलपीजी गैस कनेक्शन है और इसका सीधा-सीधा लाभ महिलाओं को हो रहा है।

हमारे गांव में ग्राम पंचायत के माध्यम से कई तरह के विकास कार्य हुए है जिसका लाभ गांव के हर व्यक्ति को मिला है। – अमरजी, ग्रामीण

गांव की हर गली में सीमेंट कांक्रीट सड़क है। कक्षा पहली से १०वीं तक का स्कूल है और गांव के हर घर में शौचालय है। – रामचंद्र, ग्रामीण

हमारे गांव में अब ऐसी कोई बड़ी समस्या नही है ग्राम पंचायत के माध्यम से हमारे काम काज समय पर हो जाते है। – रतनलाल, ग्रामीण

गांव की महिलाएं पहले चूल्हे पर खाना बनाती थी अब हर घर में गैस चूल्हा है। घर-घर पानी आ रहा है। इससे महिलाओं की उन्नति हुई है। – रतनसिंह, ग्रामीण

ग्राम पंचायत अपने दायित्व को निभा रही है लेकिन गांव के इस विकास में ग्रामीणों का अहम योगदान है। हमारे यहां परस्पर सहयोग से ही हर योजना कर क्रियान्वयन होता है। गांव स्वच्छता के मामले में पुरस्कार प्राप्त कर चुका है। हम इसे स्मार्ट विलेज मानते हैं। – शांतिदेवी पालीवाल, सरपंच ग्राम पालखेड़ी

 

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