script

जिम्बाब्वे के नए राष्ट्रपति​ म्नागाग्वा ने सेना और जनता का जताया आभार, राजनीतिक स्थिरता करेंगे कायम

locationनई दिल्लीPublished: Nov 23, 2017 02:38:44 pm

Submitted by:

Mohit sharma

एमर्सन ने कहा कि देश के सभी लोगों को एकजुट होकर रोजगारों के सृजन के लिए अर्थव्यवस्था का विकास करने की जरूरत है।

Zimbabwes new President Emmerson Mnangagwa

नई दिल्ली। जिम्बाब्वे के नए राष्ट्रपति एमर्सन म्नागाग्वा ने बुधवार को देश के नागरिकों और सेना के अथक सहयोग के लिए आभार जताया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, एमर्सन ने निर्वासन से लौटने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में कहा कि वह दो सप्ताह पहले रॉबर्ट मुगाबे द्वारा बर्खास्त किए जाने के बाद मिले सहयोग से अभिभूत हैं। उन्होंने लोगों की सेवा करने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि देश के सभी लोगों को एकजुट होकर रोजगारों के सृजन के लिए अर्थव्यवस्था का विकास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें देश में शांति चाहिए, हमें हमारे लोगों के लिए रोजगार चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें कई देशों से सहयोग के आश्वासन मिलने शुरू हो गए हैं।

 

उप राष्ट्रपति को हटाने के बाद आये थे निशाने पर

बता दें कि जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे देश की सत्ता पर लगभग 37 सालों तक काबिज रहे हैं। पिछले दिनों मुकाबे उस समस सेना और पार्टी के निशाने पर आ गए जब उन्होंने तत्कालीन उप राष्ट्रपति एमर्सन म्नागाग्वा को हटा दिया था। यह उन्होंने अपनी पत्नी को अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए कहा था। इससे पहले एमर्सन म्नागाग्वा मुकाबे के राजनीतिक उत्ताराधिकारी समझे जाते थे। मुकाबे के इस कदम के बाद में वहां की सेना ने मुकाबे को नजरबंद कर लिया था, जिसके बाद उन पर इस्तीफा देने का दबाव बन रहा था। वहीं उनकी पार्टी ने भी उनको इस्तीफा न देने पर उनके खिलाफ महाअभियोग चलाने की चेतावनी दी थी।


1980 से है सत्ता पर कब्ज़ा-

रॉबर्ट मुगाबे ने देश को ब्रिटिश हुकूमत से मुक्त कराने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया था। साल 1980 में आजादी के बाद से ही मुगाबे बीते 37 सालों से सत्ता संभाले हुए थे। वह दुनिया के सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं जो देश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। 2013 में मुगाबे की नेट वर्थ करीब 10 मिलियन डॉलर थी। वे पहली बार 1960 में जिम्बाब्वे अफ्रीकन नेशनल यूनियन पार्टी के नेता के तौर पर प्रसिद्ध हुए थे। तब रोडेशिया में अंग्रेजों का शासन था। जिसके खिलाफ नेशनल यूनियन ने 1964 से लेकर 1971 तक छापामार युद्ध छेड़ रखा था। मुगाबे को प्रभावशाली वक्ता, विवादों में घिरा रहने वाला व्यक्ति एवं लोगों को ध्रुवीकृत करने में माहिर समझा जाने वाला राजनीतिज्ञ समझा जाता रहा है। स्वतंत्रता युद्ध के बाद वे अफ्रीकियों के नायक के तौर पर उभर कर सामने आए थे।

ट्रेंडिंग वीडियो