सहारा ने जताई लाचारी, कहा 18 माह में 36 हजार करोड़ नहीं चुका सकते
सहारा समूह ने 18 महीने में 36 हजार करोड़ रुपए चुकाने को लेकर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में असमर्थता जताई।
•Jul 07, 2015 / 11:32 pm•
सहारा समूह ने 18 महीने में 36 हजार करोड़ रुपए चुकाने को लेकर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में असमर्थता जताई।
सहारा समूह ने शीर्ष अदालत में कहा कि केवल वही नहीं, बल्कि दुनिया का कोई भी कारोबारी इतने कम समय में इतनी बड़ी रकम उपलब्ध नहीं करा सकता। उ
नके इस कथन पर न्यायालय ने कहा कि राशि चुकाने को लेकर कंपनी बाध्य है, इस पर सहारा समूह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि रकम चुकाने को लेकर कोई विवाद नहीं है, लेकिन इतनी रकम इतने कम समय में चुका पाना मुश्किल है।
सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की जमानत के लिए कंपनी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में 44 एकड़ में फैली प्रॉपर्टी को बेचकर 110 करोड़ रुपए इक_ा करना चाहती है, इसके लिए उन्होंने न्यायालय से इजाजत भी मांगी है। इस पर सोमवार को सुनवाई होगी।
शीर्ष अदालत ने गत वर्ष चार मार्च से तिहाड़ जेल में कैद सुब्रत रॉय की जमानत को मंजूरी देते हुए 19 जून 2015 को कहा था कि सहारा प्रमुख की रिहाई के 18 महीनों के भीतर नौ किश्तों में 36000 करोड़ रुपए अदा करने होंगे। यही नहीं, रिहाई के बाद सुब्रत रॉय को हर 15 दिन में दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में हाजिरी लगानी होगी।
उल्लेखनीय है कि सहारा प्रमुख को जमानत पर रिहाई के लिए पांच हजार करोड़ रुपए नकद और इतनी ही राशि की बैंक गारंटी जमा कराना है।
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