(अभिनेत्री नंदिता दास के साथ एक सीन में मानव कौल)
भोपाल. ओम पुरी हमारी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे फाईनेस्ट अभिनेताओं में से एक थे। एक्टर उनकी परफॉर्मेंस देखने के लिए उनकी फिल्में देखते थे। खुद नसीर साहब उनके काम के मुरीद थे। उनकी कमी हमेशा ही खलती रहेगी। ये कहना था ओम पुरी के निधन पर अभिनेता मानव कौल का। मानव ने कभी ओम पुरी के साथ काम तो नहीं किया, लेकिन हज़ारों लोगों की ही तरह वो भी ओम पुरी के बड़े प्रशंसक रहे हैं।
मानव से जब ‘पत्रिका’ ने ओम पुरी के निधन के बाद पूछा कि वो इस दिग्गज अभिनेता को कैसे याद कर रहे हैं तो उन्होंने कहा बड़ा दुखद है… हमें उनकी कमी खलेगी। मानव ने कहा इतने मंझे कलाकार का जाना दुखद है। उन्होंने शुरुआती दौर में थिएटर किया, लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता। उनका थियेटर से जुडाव हमेशा रहा। फिल्मों में उन्होंने एक से बढ़कर एक किरदार अदा किए। उनका थिएटर से जुडाव हमेशा रहा। रंगमच से अपनी सक्रियता के चलते वो कई दफा भोपाल के दारमा स्कूल में भी आते थे। वो एक कमाल के अभिनेता थे।
(फिल्म निर्देशक प्रकाश झा और मानव कौल)
मानव ने ये भी बताया कि उन्होंने कभी ओम पुरी के साथ काम तो नहीं किया, लेकिन अक्सर उन्होंने ओम पुरी के बारे में लोगों से कई बातें सुनी हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें ओम पुरी की सहजता बहुत भाति थी। मानव ने एक किस्सा सुनते हुए कहा- नसीर साहब भी कहते थे कि मैं इतनी तैयारी करता हूँ और ये आदमी बिना तैयारी के ही इतना बढ़िया काम कर जाता है।
मानव को ओम पुरी की कौन सी फिल्में अच्छी लगती हैं, इस पर उनका कहना था कि ‘मकबूल’, ‘मिर्च मसाला’, ‘चाची 420’, ‘वेस्ट इज वेस्ट’. ‘द हंड्रेड फुट जर्नी’, ‘तमस’ और ‘हेरा फेरी’ में उन्हें ओम पुरी का काम लाजवाब लगा। इसके अलावा वो ओम पुरी की ‘अर्धसत्य’ और ‘आक्रोश’ को अपनी टॉप लिस्ट में रखते हैं। मानव का कहना है कि ओम पुरी की इन्हीं दो फिल्मों को हर अभिनेता परफॉर्मेंस के लिए देखता है। वो कहते हैं कि हमने अपने दौर का फाईनेस्ट अभिनेता खो दिया है। ‘जाने भी दो यारों’ मानव की एक और फेवरेट फिल्म है।