scriptचपरासी के पास मिले 3 करोड़ रूपए, ब्लैक मनी इतनी कि भूल जाएंगे सब | Forget about Mayawati's black money here really very big and shocking data of kaala dhan | Patrika News
भोपाल

चपरासी के पास मिले 3 करोड़ रूपए, ब्लैक मनी इतनी कि भूल जाएंगे सब

मध्यप्रदेश में ब्लैकमनी का क्या हाल है, यह इससे ही साफ हो जाता है कि लोकायुक्त ने अपने छापों के दौरान में करीब साढ़े तीन अरब काली संपत्ति बरामद की है। 

भोपालDec 28, 2016 / 07:57 pm

gaurav nauriyal

forget mayawati's black money

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भोपाल. मध्यप्रदेश में ब्लैकमनी का क्या हाल है, यह इससे ही साफ हो जाता है कि लोकायुक्त ने अपने छापों के दौरान पिछले 14 साल में करीब साढ़े तीन अरब की काली संपत्ति बरामद की है। खुद विभाग ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2011-12 में लोकायुक्त पुलिस ने सबसे ज्यादा 41 कार्रवाई की थी, जिसमें एक अरब की बेनामी संपत्ति उजागर हुई थी, जिसे सीज कर दिया गया था। 

प्रदेश में लोकायुक्त संगठन भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसने के लिए बनाया गया है। दूसरे राज्यों की तुलना में यहां के लोकायुक्त ने लगातार प्रभावशाली कार्रवाईयां की हैं। खुद विभाग की रिपोर्ट कहती है कि उसने वर्ष अप्रैल 2001 से मार्च 2014 के बीच में 225 कार्रवाई की, जिसमें 3,46,91,05,051 रुपए की संपत्ति बरामद की गई। इस बेनामी संपत्ति को विभाग ने न केवल सीज किया, बल्कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई भी की गई। सबसे ज्यादा कार्रवाई वर्ष 2011-12 में हुई, जिसमें 1,06,80,49,503 रुपए की संपत्ति बरामद की गई थी।

लोकायुक्त ने प्रदेश के कई आईएएस अफसरों के यहां भी छापे की कार्रवाई की। जिसमें बेनामी संपत्ति उजागर हुई। टीनू जोशी और अरविंद जोशी के यहां कार्रवाई में भी लोकायुक्त को 43 करोड़ की बेनामी संपत्ति मिली थी। इससे पहले आयकर विभाग ने भी दोनों के यहां कार्रवाई की थी, जिसमें तीन करोड़ की संपत्ति ही बरामद हुई थी। जबकि लोकायुक्त पुलिस ने उन्हीं ठिकानों पर कार्रवाई कर बड़ी संख्या में नकदी और दूसरी संपत्तियां उजागर की थीं। 

आईएस अफसर के यहां मिली 20 करोड़ की संपत्ति
बेनामी संपत्ति का आलम यह है कि 2014 में ग्रामीण अभियंत्रिकी सेवा के अफसर एसएस अली के कार्रवाई पर लोकायुक्त पुलिस को 20 करोड़ रुपए से ज्यादा की अनुपातहीन संपत्ति बरामद हुई थी। जिसे ब्लैकमनी के दायरे में माना गया। सितंबर 2014 में ग्वालियर के एक सहकारी बैंक के चपरासी कुलदीप यादव के यहां छापे में लोकायुक्त पुलिस को तीन करोड़ से ज्यादा की संपत्ति मिली है। जबकि उनकी आय दस्तावेजों के मुताबिक 15 लाख रुपए ही आंकी गई। ऐसे में वह इतनी बड़ी संपत्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पाए।


ऐसे बढ़ता गया आंकड़ा
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