भोपाल. समाजवादी पार्टी के कुनबे में पड़ी दरार का असर मध्यप्रदेश में भी नजर आ रहा है। अखिलेश यादव के पार्टी से निष्कासन की खबर मिलते ही प्रदेश में सपा कार्यकर्ताओं में मायूसी की लहर दौड़ गई। प्रदेश सपा अध्यक्ष गौरी सिंह यादव ने गुरूवार को ही अखिलेश के द्वारा जारी की गयी उमीदवारों की लिस्ट ट्विटर पर जारी की थी।
उत्तरप्रदेश में मचे घमासान के बीच इधर मध्यप्रदेश में भी कार्यकर्ता पार्टी के भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। पार्टी के कार्यकर्ता सोशल मीडिया के जरिए लगातार अखिलेश सरकार की उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार कर रहे थे। इसकी बानगी उस वक्त भी देखने को मिली जब प्रदेश सपा के ऑफिसियल फेसबुक पेज पर गुरूवार को ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव द्वारा जारी किये गए उम्मीदवारों की लिस्ट उपलोड की गयी थी। सपा में मचे कलह को लेकर जब ‘पत्रिका’ ने सपा के मध्यप्रदेश अध्यक्ष गौरी सिंह यादव से बात करने की कोशिश की , लेकिन उनका फ़ोन बंद मिला..
अखिलेश के समर्थन में दिया इस्तीफ़ा
मप्र में समाजवादी पार्टी की मजदूर सभा के प्रदेश अध्यक्ष रामस्वरूप यादव ने अपना इस्तीफा पार्टी को सौंप दिया है। रामस्वरूप यादव ने अपना इस्तीफा अखिलेश यादव पर कार्यवाही के विरोध में सौंपा है। पार्टी नेता का ये भी दावा है कि अखिलेश के समर्थन में बड़ी संख्या में पदाधिकारी पार्टी को अपना इस्तीफा सौपेंगे।
‘पत्रिका’ से बातचीत में उन्होंने कहा कि पार्टी की मौजूदा गतिविधियों को सही नहीं ठहराया जा सकता और अखिलेश के निष्कासन से कार्यकर्ता आहात हुए हैं। उन्होंने कहा अखिलेश से बेहतर सीएम दूसरा नहीं हो सकता है और उनके साथ नाइंसाफी हुई है।
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कैलाश ने उड़ाया मजाक
समाजवादी कुनबे में मचे बवाल को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी चुटकी ली है। कैलाश ने ट्वीट करते हुए लिखा- ‘कहावत है समाजवादी तो इकट्ठे ही अलग होने के लिए होते हैं. ‘
क्या है मामला
समाजवादी पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव, मुलायम सिंह और शिवपाल यादव में फूट पड़ गई है। मुलायम और अखिलेश के बीच 31 नामों को लेकर विवाद था। विवाद इतना बढ़ा कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और अपने भाई राम गोपाल यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निकल दिया है।
दरअसल आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए मुलायम सिंह ने 393 कैंडिडेट्स के नाम तय किए। इसके बाद अखिलेश ने 235 कैंडिडेट्स की अपनी अलग लिस्ट जारी कर दी। इतना ही नहीं अखिलेश की लिस्ट में मुलायम की बहू अपर्णा यादव का नाम भी नहीं है। इसके बाद शुक्रवार को दिनभर सियासी ड्रामा चलता रहा और शाम को सपा सुप्रीमो ने कड़ा फैसला लेते हुए अखिलेश को ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
क्या कहते हैं प्रवासी
मध्य प्रदेश में पिछले 3 साल से नौकरी कर रहे मुकेश दुबे भी सपा से लम्बे समय से जुड़े हुए हैं। पार्टी के मौजूदा हालत पर उन्होंने अफ़सोस जताया और कहा कि नेताजी अंतत पार्टी का ही नुकसान कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा युवा अखिलेश के साथ है, लेकिन ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को ही इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।
नीरज मिश्रा भी भोपाल में पिछले डेढ़ सालों से रह रहे हैं। नीरज बाराबंकी के रहने वाले हैं और पार्टी में मची कलह पर कहते हैं- ‘सपा अपने पतन की ओर बढ़ रही है, लेकिन आम जनता की नजरों में अखिलेश का ग्राफ बढा है। आप किस के साथ खड़े होंगे? इस सवाल के जवाब में भी वो मुस्कुरा जाते हैं और इतना ही कहते हैं कि ये तो वक्त तय करेगा। फिलहाल वो भी पार्टी में मचे घमासान पर नजर बनाये हुए हैं।’