झांसी. न गुंडाराज, न भ्रष्टाचार के नारे के साथ यूपी की सत्ता में पहुंचने वाली भाजपा के योगी राज में भ्रष्टाचार थमता नजर नहीं रहा है। चाहे परिवहन विभाग हो या फिर अस्पताल, हर तरफ लेन-देन का आलम ही नजर आता है। यह स्थिति यहां मंडलायुक्त के औचक निरीक्षण के दौरान सामने आई। इस पर मंडलायुक्त ने कहीं चेतावनी दी, तो कहीं फाइल को कब्जे में लेकर जांच के निर्देश दिए।
ये रहा जिला अस्पताल का हाल
मंडलायुक्त अमित गुप्ता जब जिला अस्पताल पहुंचे, तो वहां चिकित्सकों द्वारा बाहर से दवाएं और आपरेशन में इस्तेमाल होने वाले उपकरण मंगाए जाने की शिकायतें मिलीं। रसीना निवासी बाबूलाल ने बताया कि कमर में गुल्ला लगाया गया है। इसे डॉ. एसपी राजपूत ने बाहर से मंगाया, जो 16500 रुपये में आया। रसीद डॉक्टर ने रख ली है। इस पर मंडलायुक्त ने जांच का आदेश दिए। झांसी निवासी विशाल सिंह ने बताया कि नेत्र रोग विभाग में आदित्य साहू व अमर सिंघानिया मुफ्त में मिलने वाले चश्मे के भी पैसे लेते हैं। इस पर मंडलायुक्त ने आगाह किया कि अगर दोबारा ऐसा पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान मंडलायुक्त ने सीएमएस कक्ष पहुंचकर उपस्थिति रजिस्टर का अवलोकन किया। इसमें तीन चिकित्सक अनुपस्थित पाए जाने पर स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए गए। स्टोररूम में जाकर स्टॉक व ओफ्लाक सिल सीरप की उपलब्धता देखी गई। ऑपरेशन थियेटर के निरीक्षण के दौरान परवीन ने बताया कि तीन दिन से ऑपरेशन के लिए आ रहे हैं लेकिन डॉक्टर समय नहीं दे रहे। मंडलायुक्त ने किचिन का भी निरीक्षण किया और खाद्य सामग्री के साथ साफ सफाई का जायजा लिया। वहां सब कुछ संतोषजनक पाया गया। निरीक्षण के समय मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. बीके गुप्ता, डॉ. आरके सक्सेना भी उपस्थित रहे।
ये रहा परिवहन कार्यालय का हाल
उधर, मंडलायुक्त अमित गुप्ता जब अचानक परिवहन कार्यालय पहुंचे, तो वहां भी तमाम खामियां पाई गईं। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के निरीक्षण के दौरान नगरा निवासी बालकिशन एवं बड़ागांव निवासी गणेश ने शिकायत की कि गाड़ी की फिटनेस के नाम पर पैसों की मांग की जाती है। मंडलायुक्त ने उक्त फाइल कब्जे में लेते हुए शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज कराए तथा स्वयं वाहनों का सत्यापन किया। उन्होंने अनावश्यक ढंग से लोगों को परेशान और उन्हें टरकाने से मना किया। उन्होंने प्रत्येक पटल का निरीक्षण करते हुए लोगों की समस्याएं सुनीं। लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को देखते हुए व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए ताकि बाहरी व्यक्तियों का हस्तक्षेप न हो सके। ऐसी व्यवस्था बनाने को कहा कि अधिकारी का जनता से सीधा संवाद रहे और दलाली प्रथा बंद हो। उन्होंने लाइसेंस बनाने, गाड़ी ट्रांसफर करने के नियमों की जानकारी लेते हुए कहा कि जनता को जो भी सुविधाएं दी जा रही हैं वह पर्याप्त नहीं हैं। इस अवसर पर आरटीओ संजय सिंह, आरटीओ प्रशासन ओपी सिंह, एआरटीओ आरके सिंह, विवेक शुक्ला उपस्थित रहे।