बारिश भी नहीं रोक पाई कदम, लल्ला के बुलावे पर भाभी पहुंची रायसीना हिल्स
झमाझम बारिश हो रही थी, वो श्यामनगर स्थित अपने रिश्तेदारों के घर पर परिवार के साथ रूकी थीं। देररात ट्रेन के आने का समय हुआ तो बारिश की परवाह किए बिना घर के बाहर आ गईं और पैदल ही भींगते हुए चौराहे पर पहुंच गई।
कानपुर. झमाझम बारिश हो रही थी, वो श्यामनगर स्थित अपने रिश्तेदारों के घर पर परिवार के साथ रूकी थीं। देररात ट्रेन के आने का समय हुआ तो बारिश की परवाह किए बिना घर के बाहर आ गईं और पैदल ही भींगते हुए चौराहे पर पहुंच गई। इसी दौरान दो कारें रूकी और उसमें रामनाथ कोविंद की भाभी विद्यावती सवार होकर स्टेशन के लिए निकल पड़ीं और प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़ी हो गईं। उनके चेहरे पर खुशी इतनी थी कि बात करते-करते उनके आंखों से आंसू गिर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि लल्ला कर शुक्रवार को फोन आया था और दिल्ली आने के लिए कहा था। प्रेसीडेंट बनने के बाद लल्ला की आरती उतारेंगे और देश प्रगति करे इसके लिए आर्शीवाद देंगे।
देश के चौदहवें राष्ट्रपति के रूप में आगामी 25 तारीख को शपथ लेने जा रहे रामनाथ कोविन्द का परिवार देर रात कानपुर से श्रमशक्ति एक्सप्रेस से दिल्ली रवाना हुआ। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने महामहिम राष्ट्रपति के छोटे भाई प्यारेलाल , बड़ी भाभी विद्यावती जी, भतीजे दीपक कोविन्द , भतीजी हेमलता कोविन्द के अलावा भांजे भांजिया दिल्ली गए हैं। कानपुर सेन्ट्रल रेलवे स्टेशन पर पहुंचे रामनाथ कोविंद के परिवार से जब बात की तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, पूरा परिवार ख़ुशी से सराबोर दिखा। रामनाथ कोविंद के छोटे भाई प्यारेलाल ने बताया कि माता-पिता के स्वर्गवास के बाद हमारी बड़ी भाभी ने सात लोगों को पाल पोशकर बड़ा किया।
कुछ इस तरह से बोली भाभीरामनाथ कोविंद की भाभी ने बताया कि हमारे लल्ला ने बिटिया के मोबाइल पर दो दिन पहले फोनकर हमसे बात की थी। उन्होंने पहले आर्शीवाद लिया और फिर कहा कि भाभी आपका लल्ला देश का राष्ट्रपति बनने जा रहा है। अपने लल्ला को आर्शीवाद देने के लिए नहीं आवोगी क्या। हमने लल्ला से कहा जरूर आएंगे। लल्ला ने भईया की तस्वीर भी मंगवाइ, जिसे हम अपने साथ लिए जा रही हैं। कोविंद की भाभी बताती हैं कि 2012 में कानपुर कार्डियोलॉजी में पति एडमिट थे। वो रामनाथ को देखने की बात बार-बार कह रहे थे। लल्ला को सूचना मिली तो वो दिल्ली से कार के जरिए ही निकल पड़े, सुबह अस्पताल पहुंचे। इनके बड़े भईया ने लल्ला के गोद पर दम तोड़ा। उस दिन लल्ला ने कहा था कि भाभी अब हम अनाथ हो गए।
भईया-भाभी ने बेटे की तरह की परवरिशरामनाथ कोविंद की जब महज छह साल की थी, तब इनकी मां की जलकर मौत हो गई। कुछ साल बाद पिता मैकू का भी स्वर्गवास हो गया। तब सात लोगों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी भाभी विध्यावती और बड़े भाई के कंधों पर आ गई। रामनाथ कोविंद का अपने बड़े भाई से गहरा रिश्ता था और वो ही इनके पढ़ाई लिखाई की जरूरतें पूरा किया करते थे। कोविंद जी की भाभी ने बताया कि जब लल्ला जेपी आंदोलन से जुडे और मुरारजी देसाई के साथ राजनीति की शुरुआत की तो हमारे पति ने गांव से पांच सौ लोगों को कानपुर ले गए। भाजपा से जब लल्ला को घाटमपुर से टिकट मिला तो इनके बड़े भईया ने चुनाव की व्यूह रचना की। बड़ी भाभी ने ही उनकी परवरिश की थी और वे रामनाथ कोविंद को लल्ला कह कर सम्बोधित करती हैं।
‘आर’ शब्द है लकी
पूरा परिवार ख़ुशी से भरपूर होकर राष्ट्रपति की शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा बनने के लिए गए हैं। परिजनों का कहना है कि रामनाथ कोविन्द को राष्ट्रपति बन जाने पर पूरे परिवार को बहुत गर्व महसूस हो रहा है। भतीजी हेमलता जो कि सरकारी शिक्षिका है ने बताया कि उनके पिता यानी रामनाथ जी के बड़े भाई हमेशा कहते थे कि रामनाथ एकदिन देश के लिए कुछ करेगा और एक संयोग और है आर शब्द बहुत लकी साबित हुआ। राष्ट्रपति का नाम भी आर शब्द से शुरू होता है वो दो बार राज्यसभा गए।ये भी आर से शुरू है फिर बिहार के राज्य पाल बने और अब देश के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। इन सभी पदों की शुरुआत आर से ही है।