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श्री गंगानगर

Rajasthan Accident: इस गांव में एक साथ उठीं 6 अर्थियां, हर किसी की आंखों से निकले आंसू, नहीं जले चूल्हे

Rajasthan Accident: हेतराम और उनकी पत्नी सुनीता का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया।

श्री गंगानगरApr 27, 2024 / 04:20 pm

Rakesh Mishra

अनूपगढ़ रोड पर समेजा कोठी थाना क्षेत्र के अंतर्गत सलेमपुरा के पास शुक्रवार को एक सड़क हादसे में 6 की मौत हो गई। शनिवार को शव गांव किकरवाली पहुंचे, जहां गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। जब गांव से एक साथ छह लोगों की अर्थियां उठीं तो ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। घटना के बाद किकरवाली गांव में दूसरे दिन भी मातम पसरा रहा। शवों को जैसे ही अंत्येष्टि के लिए ले जाया गया, गांव में कोहराम मच गया।शनिवार दोपहर तक सभी मृतकों का दाह संस्कार किया गया।
गौरतलब है की मृतक हेतराम अपनी पत्नी व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ गाड़ी किराए पर लेकर अनूपगढ़ के गांव 86 जीबी में अपने बहनोई की मौत पर शोक व्यक्त करने गए हुए थे। शोक व्यक्त करने के बाद सभी लोग वापस किकरवाली आ रहे थे, लेकिन सलेमपुरा के पास गाड़ी हादसे का शिकार हो गई। हादसे में कार ड्राइवर ने भी दम तोड़ दिया था। पुलिस ने शवों को राजकीय चिकित्सालय समेजा कोठी व चालक के शव को अनूपगढ़ के सरकारी अस्पताल में रखवाया। हादसे में किकरवाली निवासी हेतराम (45) पुत्र हनुमान, उनकी पत्नी सुनीता(42), मृतक हेतराम की चाची लिछमा देवी (55) पत्नी कृष्ण लाल, भाभी विद्या देवी (40) पत्नी देवीलाल, भाभी कलावती देवी (48) पत्नी हंसराज और चालक रमेश नाई (38) पुत्र शंकर लाल की मौत हो गई थी। वहीं हादसे में घायल कांता पत्नी मदनलाल का श्रीगंगानगर में उपचार जारी है।

पति-पत्नी का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार

एक ही गांव के चार घरों से 6 अर्थियां एक साथ निकलीं। मृतक हेतराम, सुनीता और हेतराम की भाभी कलावाती की अर्थी एक घर से निकली। वहीं विद्या देवी, लिछमा देवी और रमेश नाई की अर्थी उनके अपने-अपने घर से निकली। गांव की कल्याण भूमि में सभी शवों का अंतिम संस्कार किया गया। हेतराम और उनकी पत्नी सुनीता का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया।

गांव में नहीं जला चूल्हा, बाजार दूसरे दिन भी बंद रहा

जैसे ही सड़क हादसे की खबर गांव में पहुंचीं तो शोक की लहर दौड़ गई। हर कोई पीड़ित परिवार के घर पहुंचा। गमगीन माहौल में गांववालों ने 6 अर्थियों को एक साथ कंधा दिया। घटना के बाद गांव में न तो कोई दुकान खुली और न ही कोई चूल्हा चला।। गांव के रणधीर रोझ ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा हादसा कभी नहीं देखा।
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