रतलाम।
जिला सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने मंगलवार को घर से भागी किशोरी को शरण देकर उसकी अस्मत से खेलने के आरोपी युवक को सात साल के कारावास की सजा सुनाई है।
अभियोजन उप संचालक सुशील कुमार जैन ने बताया कि 3 अक्टूबर 2014 को अमृतसर निवासी 16 वर्षीय किशोरी घर से भागकर मुंबई जा रही थी। इसी दौरान वह रतलाम स्टेशन पर उतरी और उसकी ट्रेन छूट गई थी। स्टेशन पर सालाखेड़ी निवासी बंसती बाई ने किशोरी को अकेली देख उससे बातचीत की। किशोरी ने स्वयं को लावारिस बताया था। इस पर महिला उसे साथ ले गई थी। इस दौरान बंसती के बेटे अर्जुननाथ (18) पिता तेजूनाथ ने उसे अकेला देख शादी की कहकर जबरन दुष्कर्म किया और करीब तीन-चार बार उसके साथ गलत काम किया। यह बात उजागर होने पर महिला उसे पुलिस के हवाले करने आई थी। इस दौरान चाइल्ड लाइन ने उसकी काउसलिंग की तो दुष्कर्म की बात उजागर हुई। चाइल्ड लाइन की रिपोर्ट पर आरोपी युवक अर्जुननाथ पर दुष्कर्म और पास्को एक्ट में पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की थी। कोर्ट ने आरोपी युवक को पास्को की धारा 3/4 के तहत सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
Hindi News/ Ratlam / नबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को सजा