scriptलक्ष्मी चंचल और चलायमान…एक जगह नहीं टिकती | Lakshmi, chanchal and moving ...does not stay in one place | Patrika News
रतलाम

लक्ष्मी चंचल और चलायमान…एक जगह नहीं टिकती

नीमचौक स्थानक पर महासती इन्दुप्रभा महाराज ने कहा

रतलामAug 02, 2017 / 11:44 am

vikram ahirwar

...Lakshmi, chanchal and moving ...does not stay i

…Lakshmi, chanchal and moving …does not stay in one place



रतलाम । जो वर्तमान में जीता है वही वर्धमान बनता है, जिस प्रकार शरीर समय के साथ अपना साथ छोड़ देता है । आयुष पूर्ण होने पर व्यक्ति संसार से विदा हो जाता है, उसी प्रकार लक्ष्मी भी चंचल और चलायमान है, ये भी हमेशा एक जगह नहीं टिकती है।


ये विचार इन्दुप्रभा ने नीमचौक स्थानक पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। वृद्धिप्रभा ने कहा कि मन में संकल्प और विकल्प दोनों चलते है जिसके संकल्प में विकल्प नहीं होता, उनके संकल्प की सिद्धी हो जाती है, इसलिए सिद्ध पुरूष वे ही जो अपने संकल्प में विकल्प नहीं रखते है। संचालन संघ के महामंत्री विनोद बाफना ने किया।


संतों के सान्निध्य में आत्म गुणों का प्रकाशन होता
जैन समुदाय में चातुर्मास पर्व का महत्व अधिक है, संतों के सान्निध्य में आत्म गुणों का प्रकाशन होता है। हनुमान रूंडी के पीछे करमचंद उपाश्रय में आचार्य विवेकचंद्र सागर सूरी ने सम्यक दर्शन, ज्ञान, चरित्र के गुण वेदक, शाश्वत सम्यक जो कि हृदय की मान्यता से सत्य है शिव है, सुंदर है उसे अपने ज्ञान से परिष्कृत करना वहीं आत्मा का गुण सम्यक है। ये विचार विवेकचंद्र सागर महाराज ने व्यक्त किए। इस मौके पर गणिवर्य प्रसन्नचंद्र सागर ने भी संबोधित किया।पारस भंडारी ने बताया कि शांतिनाथ तप 16वें दिन में प्रवेश कर गया।

Hindi News/ Ratlam / लक्ष्मी चंचल और चलायमान…एक जगह नहीं टिकती

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो