हाइब्रिड मॉड पर देंगे प्रशिक्षण
छात्र को किताबी पढ़ाई और प्रशिक्षण के ज्ञान के साथ उन्हें समाज और आम लोगों के लिए काम आने वाले रिसर्च, स्थानीय बाजार व उद्योगों में काम करना होगा। वैश्विक मांग वाले क्षेत्र ट्रेड,एग्रिकल्चर, बैकिंग, फाइनेंशियल, इंश्योरेंस, फॉस्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स, टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी,पब्लिक व लीगल पॉलिसी, इंवायरमेंट, एजुकेशन, कम्यूनिकेशन,कॉमर्स, छोटे उद्योग आदि में हाईब्रिड मोड पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
विद्यार्थियां को पोर्टल पर होगा पंजीकरण
– केंद्रीयकृत डिजिटल पोर्टल पर सभी छात्रों का पंजीकरण किया जाएगा।– छात्रों का रोजगार से जोड़ने के लिए अलग से इसका रिकार्ड रखा जाएगा। कोई भी नियाेक्ता सीधे इस पोर्टल से छात्र की जानकारी और प्रदर्शन के बारे में आसानी से जांच कर सकेंगे।
– हर छात्र को उच्च शिक्षण संस्थान के अलावा संबंधित इंटर्नशिप एरिया (जहां भी इंटर्नशिप के लिए जाएगा) में सुपरवाइजर और मेंटर मिलेगा।
– इंटर्नशिप में मूल्य आधारित कौशल जोड़ा जाएगा। स्थानीय उद्योगों और बाजारों के साथ मिलकर भी छात्रों को इंटर्नशिप कराई जाएगी।
– कैंपस में इंडस्ट्री रिलेशंस सेल बनाई जाएगी। स्टूडेंट करियर काउंसलिंग सेल में विश्वविद्यालय और इंडस्ट्री दोनों के एक्सपर्ट शामिल होंगे।
कमाई, बीमा के साथ क्रेडिट डिग्री में जुड़ेंगे
तीन वर्षीय डिग्री प्रोग्राम, चार वर्षीय ऑनर्स, चार वर्षीय ऑनर्स विद रिसर्च प्रोग्राम के छात्रों के लिए चौथे वर्ष से इंटर्नशिप शुरू होगी। यह 60 से 120 घंटों की रहेगी, जिसके बदले उन्हें दो से चार क्रेडिट मिलेंगे। इंटर्नशिप में उन्हें रिसर्च प्रोजेक्ट, सोशल प्रोजेक्ट समेत अन्य क्षेत्रों में काम करना होगा। जबकि चार वर्षीय यूजी ऑनर्स विद रिसर्च के छात्रों को आठवें सेमेस्टर से एक अन्य इंटर्नशिप करनी होगी। यह पूरा एक सेमेस्टर चलेगी। इसमें उन्हें आठ से 12 क्रेडिट मिलेंगे। इंडस्ट्री को छात्रों को इंटर्नशिप के बदले पैसे और बीमा सुरक्षा भी देनी होगी।
इनका कहना है
नई इंटर्नशिप पॉलिसी-2024 इंडिया स्किल रिपोर्ट 2022, एनईपी 2020, करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क के आधार पर तैयार की गई है। इसका मकसद स्नातक छात्रों में इंटर्नशिप के माध्यम रोजगार क्षमता में सुधार कर उन्हे पेशेवर तरीके से तैयार करना है।