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रायपुर

विद्यार्थियों के लिए बड़ी खबर, ग्रेजुएट कोर्स में नया नियम लागू, अब ऐसे होगी परीक्षा..

पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स एमडी-एमएस की परीक्षा में कोई भी फैकल्टी तीन साल से ज्यादा इंटरनल नहीं रहेगा। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने यह बदलाव हाल ही में किया है।

रायपुरMay 05, 2024 / 10:52 am

Kanakdurga jha

CG Education News: मेडिकल कॉलेजों में अब पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स एमडी-एमएस की परीक्षा में कोई भी फैकल्टी तीन साल से ज्यादा इंटरनल नहीं रहेगा। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने यह बदलाव हाल ही में किया है। यह नियम प्रदेश समेत देशभर में लागू हो गया है। मेडिकल के विशेषज्ञों के अनुसार परीक्षा में अनियमितता के आरोप पर लगाम लगाने एनएमसी की यह नई कवायद है। इससे किसी छात्र को जानबूझ कर फेल नहीं किया जा सकेगा। दरअसल हर बार एचओडी ही इंटरनल हुआ करता था। प्रेक्टिकल की वीडियाेग्राफी कराई जाएगी। इससे कोई भी इंटरनल या एक्सटर्नल मनमानी नहीं कर सकेगा।
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एनएमसी ने पीजी परीक्षा के इंटरनल बनाने के नियमों में जो बदलाव किया है, विशेषज्ञों के अनुसार यह छात्र हित में है। परीक्षा में प्राय: हर बार एचओडी इंटरनल की भूमिका में होता है। जिन मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर नहीं होते, वहां दूसरे कॉलेज से प्रोफेसर बुलाया जाता है और इंटरनल बनाया जाता है। नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में मेडिसिन व रेडियो थैरेपी, रेडियो डायग्नोसिस व पैथोलॉजी विभाग में तीन-तीन, जनरल सर्जरी, ऑर्थोपीडिक व ऑब्स एंड गायनी विभाग में दो-दो प्रोफेसर हैं।
इनमें अब वे बारी-बारी से तीन-तीन साल के लिए इंटरनल बनाए जा सकेंगे। इससे किसी इंटरनल पर किसी छात्र को जानबूझकर फेल या पास करने का आरोप भी नहीं लगेगा। पिछले साल नेहरू मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग में एक छात्रा को जानबूझकर फेल करने का आरोप लगा था। ऐसा ही पीडियाट्रिक विभाग में हुआ था। पीडियाट्रिक विभाग की परीक्षा तो हैल्थ साइंस विवि ने रद्द कर दी थी। इसके बाद इंटरनल बदलकर परीक्षा कराई गई।


अब एक दिन में आठ नहीं इससे ज्यादा छात्र कर सकेंगे प्रेक्टिकल

एनएमसी के नए नियम के मुताबिक अब एक दिन में 8 से ज्यादा पीजी छात्रों के प्रेक्टिकल कराए जा सकेंगे। पिछले साल तक इस पर राेक थी। पीडियाट्रिक विभाग ने एक दिन में 11 छात्रों का प्रेक्टिकल कराया था। इसकी शिकायत छात्रों ने सीएम से लेकर डिप्टी सीएम तक की थी। इसके बाद विवि ने परीक्षा रद्द कर दी थी। फिर पास हुए छात्रों ने हाईकोर्ट में विवि के निर्णय को चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने विवि के निर्णय को बरकरार रखते हुए परीक्षा से जुड़े डॉक्टरों को जमकर फटकार लगाई थी। मेडिसिन विभाग में 17 पीजी स्टूडेंट है। उनका प्रेक्टिकल दो दिन में कराया गया था। कायदे से ये प्रेक्टिकल तीन दिनों में होना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विवि तक शिकायत नहीं पहुंची इसलिए इस मामले में कोई कार्रवाई भी नहीं हुई।


टॉपिक एक्सपर्ट

तीन साल तक इंटरनल रखने व एक दिन में 8 से ज्यादा छात्रों को प्रेक्टिकल कराने संबंधी नया नियम छात्र हित में है। जहां पर्याप्त फैकल्टी है, वहां सभी प्रोफेसर को इंटरनल बनने का मौका मिलेगा। 9 या 10 छात्र है तो एक दिन में प्रेक्टिकल हो जाएगा।


एनएमसी के नए नियमों से छात्रों को फायदा होगा। अब सीनियर फैकल्टी को बारी-बारी से इंटरनल बनने का मौका मिलेगा। नए नियम से एक फैकल्टी की मोनोपल्ली खत्म करने में मदद मिलेगी। प्रेक्टिकल की वीडियोग्राफी से पारदर्शिता बनी रहेगी।

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