scriptकोरोना के समय 25 लाख का बेचा टेस्ट किट, लॉकडाउन में लगती थी लंबी कतार, अब तक नहीं हुई कार्रवाई | 25 lakh Test kit sold during Corona long queues during lockdown no action taken till now | Patrika News
रायपुर

कोरोना के समय 25 लाख का बेचा टेस्ट किट, लॉकडाउन में लगती थी लंबी कतार, अब तक नहीं हुई कार्रवाई

Crime News: डॉ. बघेल कोरोनाकाल में डॉक्टर फॉर यू नामक एनजीओ को 28 लाख का फर्जी भुगतान मामले में दोषी पाई गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में शासन के अवर सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।

रायपुरMay 05, 2024 / 11:10 am

Kanakdurga jha

Raipur Crime News: कोरोनाकाल में 25 लाख रुपए के टेस्ट किट बेचने का मामला आया था। मामला कालीबाड़ी सेंटर में दिसंबर 2020 का है। तब तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल व एक आरएमए (त्रिवर्षीय कोर्स डॉक्टर) पर ये आरोप लगे थे। तब डॉ. बघेल ने कहा था कि वे इस मामले की जांच के लिए खुद तत्कालीन हैल्थ डायरेक्टर नीरज बनसोड़ को पत्र लिखे हैं। हालांकि न मामले की जांच हुई और न ही इस मामले में कोई खुलासा। हाल ही में डॉ. बघेल कोरोनाकाल में डॉक्टर फॉर यू नामक एनजीओ को 28 लाख का फर्जी भुगतान मामले में दोषी पाई गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में शासन के अवर सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।
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दिसंबर 2020 में कोरोना की पहली लहर का पीक निकल गया था। पहली लहर का पीक सितंबर में था। इस दौरान रोजाना सैकड़ों सैंपलों की जांच की गई। कालीबाड़ी सेंटर में तब लोगों की लंबी कतार देखी जा सकती थी। वहां रैपिड किट से लोगाें की जांच की जा रही थी। तब आरोप लगा था कि 25 लाख की किट भिलाई के एक निजी अस्पताल को बेचा गया था। इस भ्रष्टाचार का हल्ला खूब उड़ा, लेकिन मामला दबकर रह गया। इस मामले की चर्चा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि 28 लाख का फर्जी भुगतान कोरोना के इलाज के लिए डॉक्टर फॉर यू नामक एजेंसी को डॉ. बघेल ने किया है। मामले में जांच भी हो गई, लेकिन पिछली सरकार में मामला दब कर रह गया। ध्यान देने वाली बात ये है कि स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने 6 जुलाई 2023 को तत्कालीन सीएमएचओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी। जब सरकार बदली और स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों ने मामला उठाया, तब दोबारा कार्रवाई के लिए शासन का पत्र लिखा गया। 8 माह तक मामला के दबे होने पर भी सवाल उठ रहे हैं।


मुंबई का एनजीओ है डॉक्टर फॉर यू मरीजों का इलाज तक नहीं किया

डॉक्टर फॉर यू मुंबई का एक एनजीओ है, जिसे कोरोनाकाल में माना अस्पताल में मरीजों का इलाज व जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं जुटाने को कहा गया था। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि मरीजों के इलाज का फर्जी बिल बनाया गया। जिन मरीजों का इलाज हुआ, उनके रिकार्ड तक स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है। इसके बावजूद एनजीओ को 28 लाख का फर्जी भुगतान कर दिया गया। तब सीएमएचओ कार्यालय के कुछ अधिकारियों ने इसे लेकर आपत्ति भी की थी, लेकिन कमीशनबाजी के चक्कर में ये भुगतान किया गया।

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