विद्यार्थियों के लिए बड़ी खबर, ग्रेजुएट कोर्स में नया नियम लागू, अब ऐसे होगी परीक्षा..
दिसंबर 2020 में कोरोना की पहली लहर का पीक निकल गया था। पहली लहर का पीक सितंबर में था। इस दौरान रोजाना सैकड़ों सैंपलों की जांच की गई। कालीबाड़ी सेंटर में तब लोगों की लंबी कतार देखी जा सकती थी। वहां रैपिड किट से लोगाें की जांच की जा रही थी। तब आरोप लगा था कि 25 लाख की किट भिलाई के एक निजी अस्पताल को बेचा गया था। इस भ्रष्टाचार का हल्ला खूब उड़ा, लेकिन मामला दबकर रह गया। इस मामले की चर्चा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि 28 लाख का फर्जी भुगतान कोरोना के इलाज के लिए डॉक्टर फॉर यू नामक एजेंसी को डॉ. बघेल ने किया है। मामले में जांच भी हो गई, लेकिन पिछली सरकार में मामला दब कर रह गया। ध्यान देने वाली बात ये है कि स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने 6 जुलाई 2023 को तत्कालीन सीएमएचओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी। जब सरकार बदली और स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों ने मामला उठाया, तब दोबारा कार्रवाई के लिए शासन का पत्र लिखा गया। 8 माह तक मामला के दबे होने पर भी सवाल उठ रहे हैं।