scriptरायबरेली में गांधी-नेहरू परिवार के छठे प्रत्याशी राहुल, अमेठी से परिवार 47 साल बाद दूर | Rahul Gandhi sixth candidate of Gandhi Nehru family in Rae Bareli family away from Amethi after 47 years | Patrika News
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रायबरेली में गांधी-नेहरू परिवार के छठे प्रत्याशी राहुल, अमेठी से परिवार 47 साल बाद दूर

Lok Sabha Election 2024: पांचवे चरण के नामांकन के आखिरी दिन राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया जबकि कांग्रेस के गढ़ अमेठी से गांधी परिवार नहीं बल्कि किशोरी लाल शर्मा चुनाव लड़ेंगे।

रायबरेलीMay 04, 2024 / 09:51 am

Sanjana Singh

Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: देश और दुनिया में रायबरेली और अमेठी शहरों की पहचान गांधी-नेहरू परिवार के कारण है। इन दोनों सीटों ने देश को दो प्रधानमंत्री, इंदिरा गांधी (रायबरेली) और राजीव गांधी(अमेठी) दिए हैं। देश की फर्स्ट पॉलिटिकल फैमिली मानी जाने वाली गांधी-नेहरू फैमिली में राहुल गांधी छठे शख्स हैं जो रायबरेली से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं।

कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में उपचुनावों सहित 20 में से 15 चुनावों में गांधी-नेहरू परिवार ने यहां का प्रतिनिधित्व किया है। दूसरी ओर अमेठी से इस बार गांधी परिवार के चुनाव नहीं लड़ने से इस सीट से परिवार का 47 साल पुराना रिश्ता टूटता दिख रहा है। पहले और दूसरे आम चुनाव में राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी ने यहां से चुनाव जीता था। उनके बाद इंदिरा गांधी इस सीट से तीन बार जीत कर देश की प्रधानमंत्री रहीं। राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी ने इस सीट पर एक उपचुनाव सहित पांच चुनावों में जीत दर्ज की। उनके अलावा फर्स्ट फैमिली से जुड़ीं शीला कौल और अरुण नेहरू भी यहां से सांसद रहे।

इंदिरा हारीं भी, सोनिया ने लिए 80 फीसदी वोट

रायबरेली के मतदाताओं ने गलती करने पर गांधी-नेहरू परिवार को हार का स्वाद भी चखाया है। क्षेत्र के लोगों से भावनात्मक रूप से जुड़ीं होने के बावजूद आपातकाल के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जनता पार्टी के राजनारायण से करीब 55000 मतों से चुनाव हार गईं। सोनिया गांधी ने जब 2006 में इस सीट से उपचुनाव लड़ा तो उन्हें 80 फीसदी से ज्यादा वोट मिले।
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अमेठी से हारे तो टूट गया रिश्ता

अमेठी सीट से 2019 में राहुल गांधी क्या हारे तो इस चुनाव में गांधी-नेहरू परिवार ने जैसे अमेठी से 44 साल पुराना रिश्ता तोड़ लिया। यह रिश्ता 1977 में शुरू हुआ था जब इस सीट से पहली बार राहुल के चाचा संजय गांधी चुनाव लड़े थे। पहला चुनाव भले ही वे हारे लेकिन 1980 का चुनाव वे जीत गए। उनके असामयिक निधन के बाद राहुल के पिता राजीव गांधी ने यहां से उपचुनाव लड़कर राजनीति में प्रवेश किया और 1984 के चुनाव में यहां के सांसद बन कर प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली। सोनिया गांधी ने भी 1998 में यहां से पहला चुनाव लड़ संसद और राजनीति में प्रवेश किया। राहुल गांधी यहां तीन बार सांसद रहे।

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