वाराणसी. एक देश एक कर के केंद्र सराकर के निर्णय के तहत लागू जीएसटी को अब पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी शुरू हो गई है। सबसे पहले इसकी पहल की है बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। जल्द ही नए पाठ्यक्रम को संकाय के बोर्ड ऑफ स्टडीज में रखा जाएगा। फिर एकेडमिक काउंसिल से स्वीकृत करा कर इसे लागू कर दिया जाएगा।
विद्वानों का मत है कि अब चूंकि अलग-अलग टैक्स सिस्टम खत्म हो गया है ऐसे में छात्र-छात्राओं को जीएसटी पढाना जरूरी हो गया है। पुराने पाठ्यक्रम का अब कोई मतलब नहीं रह गया है। लिहाजा इसे हर यूनिवर्सिटी को लागू करना चाहिए।
ऐसे में बनारस हिंदू विश्वविद्याय के वाणिज्य संकाय ने इसकी पहल की है। संकाय से मिली जानकारी के मुताबिक बीकॉम तृतीय वर्ष यानी बीकॉम आनर्स में जीएसटी पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा संकाय के तीनों एमबीए कोर्स में भी इसे शामिल किया जाएगा। इसकी पुष्टि कला संकाय प्रमुख प्रो. सीपी मल भी करते हैं।
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संकाय प्रमुख के मुताबिक हाल ही में इस संबंध में संकाय के प्राध्यापकों संग एक बैठक की गई है। वह बताते हैं कि जीएसटी के पाठ्यक्रम का निर्धारण संकाय के बोर्ड ऑफ स्टडी के विद्वान सदस्यों द्वारा किया जाएगा। वही तय करेंगे कि जीएसटी के तहत क्या क्या विषय वस्तु पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। बोर्ड ऑफ स्टडीज के विद्वान सदस्यों द्वारा तय पाठ्यक्रम को कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी की अध्यक्षता वाले एकेडमिक काउंसिल में रखा जाएगा। एकेडमिक काउंसिल में सम्यक विचार विमर्श के बाद इसे लागू किया जाएगा। योजना के मुताबिक बीकॉम तृतीय वर्ष के छात्रों को नया पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। साथ ही इसे एमबीए फाइनेंस, फॉरेन ट्रेड्स तथा रिस्क एंड इंश्योरेंश मैनेजमेंट में भी शामिल किया जाएगा।
इस संबंध में संकाय के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. एसके सिंह का कहना है कि अब इस नई कर प्रणाली का ज्ञान छात्र-छात्राओं को कराना जरूरी हो गया है। पुराने कर संबंधी पाठ्यक्रम अब औचित्य विहीन हो गए हैं। ऐसे में जीएसटी को बीकॉम से ही लागू करना सही कदम होगा।
Hindi News/ Varanasi / BHU के वाणिज्य संकाय में GST पढ़ाने की तैयारी