script13 साल बाद अपनी धरती पर कीवी टीम से हारा भारत | India Vs New Zeland : Kiwi Won In India After 13 Years | Patrika News

13 साल बाद अपनी धरती पर कीवी टीम से हारा भारत

Published: Oct 20, 2016 10:12:00 pm

 मैच जीतने के लिए 242 रन बनाने के सामने भारतीय टीम 236 रन ही बना सकी और 6 रन से हार गई। इसी के साथ उसका फिरोजशाह कोटला पर 11 साल से चला आ रहा अजेय सफर भी खत्म हो गया। अब पांच मैचों की सीरीज में दोनों टीम 1-1 से बराबरी पर पहुंच गई हैं।

Team india

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कुलदीप पंवार

नई दिल्ली।

कुलदीप पंवार
नई दिल्ली। आपने कभी अगाथा क्रिस्टी की जासूसी कहानियां पढ़ी हैं या फिर व्योमकेश बख्शी को? इन दोनों किरदारों की जासूसी कहानियों में जिस तरह अंत तक रहस्य और रोमांच बना रहता है, ठीक वही झलक यहां फिरोजशाह कोटला मैदान पर चल रहे भारत-न्यूजीलैंड के बीच दूसरे वनडे मैच में भी दिखी। एकतरफ जहां कीवी टीम शुरुआती झटकों के बाद कप्तान केन विलियम्सन के रिकॉर्ड शतक की बदौलत उबरने के बाद फिर लुढ़की न्यूजीलैंड ने 50 ओवर में 9 विकेट पर 241 रन तक पहुंच ही गई।

वहीं भारतीय टीम शुरुआत में ही मिले झटकों में हार के करीब फिसली, फिर धौनी-जाधव ने संभाली। लेकिन 39वें ओवर की तीसरी गेंद पर जैसे ही कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का कैच अपनी ही गेंद पर टिम साउदी ने पकड़ा तो दर्शक दीर्घा ऐसे शांत हो गई, मानो सबकुछ खत्म हो गया। अगले ही ओवर में अक्षर पटेल और अमित मिश्रा भी पवेलियन में थे। दर्शक अपने घरों के लिए चलने लगे थे, तभी हार्दिक पांड्या (32 गेंद में 36 रन) और उमेश यादव (23 गेंद में नाबाद 18 रन) ने सिर्फ 48 गेंद में 49 रन की साझेदारी कर जीत करीब ला दी। तभी भाग्य फिर पलटा और छक्का मारने की कोशिश में बोल्ट की गेंद पर पांड्या ने सेंटनर को कैच थमा दिया। अगले ओवर की तीसरी गेंद पर जसप्रीत बूमराह का विकेट टिम साउदी ने उखाड़ा और इतिहास बन गया। भारतीय टीम 13 साल में पहली बार कीवी टीम के खिलाफ अपनी धरती पर कोई वनडे मैच हारी, जबकि फिरोजशाह कोटला में भी उसका 11 साल से चला आ रहे अजेय सफर इस हार के साथ खत्म हो गया।

भारतीय टॉप ऑर्डर फेल
241 रन का लक्ष्य टीम इंडिया के लिए बहुत मामूली माना जा रहा था। खासतौर पर फिरोजशाह कोटला मैदान पर पिछले 11 साल में कोई वनडे मैच नहीं हारने का रिकॉर्ड भी इसे भारत के लिए आसान जीत होने का दावा कर रहा था। लेकिन भारतीय पारी की शुरुआत होते ही जब भारतीय सलामी बल्लेबाजों की जोड़ी रोहित शर्मा और अंजिक्य रहाणे ने 7 ओवर में सिर्फ 21 रन जोड़े तो अहसास हो गया कि मुकाबला इतना आसान नहीं होगा।

8वें ओवर की पहली गेंद पर रोहित (15) को बोल्ट ने विकेटकीपर ल्यूक रोंची के हाथों लपकवाकर चलता कर दिया। उनके पीछे 11वें ओवर की चौथी गेंद पर पिछले मैच के हीरो विराट कोहली (09) भी चलते बने। रहाणे (28) ने मनीष पांडेय के साथ मिलकर पारी संभालने की कोशिश की, लेकिन पारी का 18वां ओवर फेंक रहे साउदी की चौथी गेंद उन्हें चौंका गई। स्कोर 72 रन पर 3 विकेट। अगले ओवर में मनीष (19) भी आपसी गफलत में रनआउट हो गए। भारतीय टॉप ऑर्डर सिर्फ 73 रन पर पवेलियन पहुंच चुका था।

धौनी-जाधव की मेहनत बेकार
कप्तान धौनी ने केदार जाधव (41) ने 5वें विकेट के लिए सूझबूझ और मेहनत भरे 66 रन जोड़े, लेकिन हेनरी की स्लॉअर बॉल को स्लिप में दिशा देने के प्रयास में जाधव विकेटकीपर रोंची को आसान कैच दे बैठे। धौनी (39) का ध्यान 172 के कुल स्कोर पर भंग हुआ और वो साउदी की धीमी बॉल को डिफेंस करने के प्रयास में सीधे उन्हें ही कैच थमा बैठे। याद कीजिए ठीक इसी तरह का कैच भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव ने कीवी पारी में टॉम लॉथम का मामूली स्कोर पर छोड़ा था, जिसके बाद दूसरे विकेट के लिए उन्होंने विलियम्सन के साथ 120 रन की साझेदारी कर पारी संभाल ली। लेकिन यहां साउदी ने वो गलती नहीं की। धौनी के पवेलियन लौटते ही भारत के लिए मैच में वापसी के मौके भी खत्म हो गए।

ओस और विकेट का गणित

विशेषज्ञों की मानी जाए तो कप्तान धौनी का आकलन फिरोजशाह कोटला की नई घसियाली पिच पर रात में पडऩे वाली ओस का प्रभाव समझने में भी गलत साबित हो गया। सामान्य दिनों की अपेक्षा गुरुवार को बहुत ज्यादा ओस पड़ी, जिससे घास भरी पिच पर गेंद पडऩे के बाद धीमी होकर बल्ले की तरफ आई और स्ट्रोक लेना मुश्किल हो गया। इसके अलावा ओस में गेंद भीगकर भारी हो जाने से भी स्ट्रोक नहीं खेले जा सके, जिसका खामियाजा मैच में हार के रूप में भुगतना पड़ा।


टूट गया कोटला का अजेय सफर
11 साल से चला आ रहा था टीम इंडिया का फिरोजशाह कोटला में जीत का सफर
17 अप्रैल 2005 को अंतिम बार भारत यहां पाकिस्तान के खिलाफ 159 रन से हारा था
08 मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच से पहले यहां खेलकर 6 में जीत चुकी थी भारतीय टीम
2008 में इंग्लैंड के खिलाफ मैच रद्द हुआ था तो 2009 में श्रीलंका के खिलाफ मैच खतरनाक पिच के कारण रोक दिया गया था

कीवी टीम पर घर में थे अब तक भारी
2003 में अंतिम बार भारतीय टीम न्यूजीलैंड से अपने देश में हारी थी
07 वनडे इसके बाद से लगातार कीवी टीम को हरा चुका था घर में भारत
29 मैच में भारतीय टीम न्यूजीलैंड से अपने घर में सिर्फ 6 मैच हारी है व 1 रद्द हुआ
95 मैच हुए हैं ओवरऑल दोनों टीमों के बीच, भारत ने 47 जीते, जबकि 1 टाई व 1 रद्द हुआ


अन्य कुछ खास बातें
118 रन का विलियम्सन का स्कोर भारत के खिलाफ किसी कीवी कप्तान का सर्वाधिक स्कोर है
114 रन की नाबाद पारी 1975 के विश्व कप में ग्लेन टर्नर ने खेली थी इससे पहले कप्तान के रूप में
06 नंबर का स्कोर है यह किसी कीवी कप्तान का किसी भी टीम के खिलाफ वनडे में
171 रन की नाबाद पारी का रिकॉर्ड 1975 के विश्व कप में ही ग्लेन टर्नर ने ईस्ट अफ्रीका के खिलाफ बनाया था
123 रन खुद विलियम्सन का इससे सर्वाधिक स्कोर है कप्तान के रूप में, 2014 में पाकिस्तान के खिलाफ


उमेश ने दिलाई थी अच्छी शुरुआत

इससे पहले भारतीय टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव ने पहले ही ओवर की दूसरी गेंद पर मार्टिन गुप्टिल को क्लीन बोल्ड कर दिया। गुप्टिल ने शून्य का स्कोर बनाया। न्यूजीलैंड का पहला विकेट मैच की दूसरी ही गेंद पर गिर जाने के बावजूद कप्तान केन विलियम्सन ने 128 गेंद में 118 रन बनाते हुए जोरदार संघर्ष किया। उन्होंने दूसरे विकेट के लिए टॉम लॉथम के साथ 120 रन जोडे।

मौका भी चूके उमेश
उमेश यादव उस समय मौका चूक गए, जब वह धर्मशाला में खेले गए ​पहले वनडे मैच में न्यूजीलैंड की पारी के अकेले दम पर सूत्रधार रहे टॉम लॉथम का कैच अपनी ही गेंद पर छोड गए। पारी का 7वां ओवर फेंकने आए उमेश ने लॉथम को पहली बार राउंड ​द विकेट आकर गेंद की और लॉथम उनके इस जाल में फंस भी गए, जब पहली ही गेंद पर उन्होंने सीधे उमेश के हाथों में ही ड्राइव खेल दिया। लेकिन उमेश गेंद पफेंकने के पफॉलोथ्रू में यह कैच नहीं पकड पाए और लॉथम को जीवनदान दे बैठे। लॉथम ने पिछले मैच में पहली गेंद से आखिरी गेंद तक नॉटआउट रहते हुए कीवी टीम के लिए सर्वाधिक 79 रन बनाए थे।

गोल्डन हैंड बन रहे हैं जाधव
भारतीय टीम के लिए खतरा बन गई इस जोडी को गोल्डन हैंड के नाम से धर्मशाला के मैच में दो विकेट लेकर मशहूर हुए केदार जाधव ने तोडा। जाधव ने टॉम लॉथम को अपनी अजीबोगरीब आॅफ स्पिन पर हैरान कर दिया। नतीजा एलबीडब्लू के रूप में सामने आया और लॉथम ​अपना अर्धशतक पूरा किए बिना ही 46 गेंद में 46 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। विलियम्सन 75 गेंद में 71 रन बनाकर अपना 26वां अर्धशतक पूरा कर विकेट पर टिके हुए हैं।

टेलर नहीं खेले ज्यादा
इसके बाद तीसरे विकेट के लिए विलियम्सन और टेलर ने 38 रन की साझेदारी की। लेकिन कीवी टीम ने तीसरा विकेट भी 158 रन के स्कोर पर रॉस टेलर के रूप में खो दिया, जिन्होंने आउट होने से पहले 21 गेंद में 21 रन बनाए। इस दौरे पर पहली बार अच्छा खेलते दिखाई दे रहे टेलर को अपना ध्यान भंग होने की कीमत तब चुकानी पडी जब वह लेग स्पिनर अमित मिश्रा कोे अधूरे मन से स्क्वॉयर लेग बाउंड्री के उपर से पुल करने का प्रयास करने लगे और रोहित शर्मा के हाथों आसानी से कैच हो गए। कोरे एंडरसन 32 गेंद में 21 रन बनाकर अच्छा खेलते दिखाई दे रहे थे, लेकिन वह भी 204 रन के कुल स्कोर पर अमित मिश्रा का शिकार हो गए।

विलियम्सन के बाद लगी लाइन
कीवी टीम को सबसे बडा झटका तब लगा, जब कप्तान केन विलियम्सन का धैर्य भी 213 रन के कुल स्कोर पर टूट गया और वह 118 रन की मेहनत भरी पारी खेलकर अमित मिश्रा को उछालकर मारने के प्रयास में अजिंक्य रहाणे के हाथों कैच आउट हो गए।

मार्टिन क्रो से आगे निकले विलियम्सन
इससे पहले विलियम्सन ने न केवल मार्टिन क्रो के भारत के खिलाफ 5 से ज्यादा 50 या अधिक रन की पारियों के रिकॉर्ड को पछाडकर कीवी टीम के लिए चौथे नंबर पर आ गए बल्कि 1994 में भारत के खिलाफ वनडे शतक बनाने वाले केन रदरफोर्ड के 22 साल बाद यह कारनामा करने वाले पहले कप्तान भी बन गए। विलियम्सन के आउट होते ही लगातार विकेट गिरे और कीवी टीम 50 ओवर में 9 विकेट पर 241 रन ही बना पाई। हालांकि विकेटों के पतझड में कीवी टीम का आॅलआउट नहीं होना भी उनकी सफलता ही कहा जाएगा।

धौनी ने जीता था टास
इससे पहले भारतीय कप्तान धोनी ने धर्मशाला में टॉस जीतने के बाद एक बार दोबारा टॉस जीता। टीम इंडिया में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। यह टीम इंडिया का कीवी टीम के खिलाफ लगातार 5वां टास जीत है। कीवी टीम ने अपनी टीम में 3 बदलाव किए थे।
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