ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम की महासचिव शशिकला नटराजन के पति एम.नटराजन ने मंगलवार को कहा कि इसमें बुराई क्या है अगर उनका परिवार राजनीति में है।
चेन्नई. ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम की महासचिव शशिकला नटराजन के पति एम.नटराजन ने मंगलवार को कहा कि इसमें बुराई क्या है अगर उनका परिवार राजनीति में है। उन्होंने कहा, एमजीआर के निधन के बाद उनके परिवार वालों ने मुख्यमंत्री जयललिता को प्रोटेक्ट करने में महत्वपूर्ण रोल निभाया है।
पोंगल के एक समापन कार्यक्रम में एम.नटराजन ने कहा, 30 सालों से मेरी पत्नी शशिकला जयललिता को प्रोटेक्ट कर रही है। जब उन्हें (जया) एमजीआर की बॉडी देखने से रोक दिया गया था, हम उन्हें अंतिम संस्कार में लेकर गए थे। जब उन्हें एमजीआर के शव वाहन से नीचे उतार दिया गया ता हमारा परिवार उनके साथ खड़ा हुआ। जीवनभर खड़ा रहा। ब्राह्मण जयललिता के मुख्यमंत्री बनने का विरोध कर रहे थे। यह हम थे, जिन्होंने उन्हें मुख्यमंत्री बनवाया। इसलिए इसमें कुछ अनैतिक नहीं है यदि हमारे परिवार के लोग राजनीति में शामिल होते हैं।”
फिलहाल मुख्यमंत्री बदलने की जरूरत नहीं
इस दौरान नटराजन ने यह भी कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री को बिल्कुल बदलने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ओ.पनीरसेल्वम बहुत बढ़िया तरीके से सरकार चला रहे हैं। इस वक्त सरकार के नेतृत्व को बदलने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि ऐसी कोई स्थिति बनती है तो विधायक और पार्टी के नेता कोई फैसला लेंगे।
भाजपा पर आरोप, मोदी की तारीफ़
नटराजन ने आरोप लगाया कि भाजपा तमिलनाडु सरकार को अस्थिर करने के लिए पार्टी के खिलाफ साजिश रच रही है। उन्होंने कहा, “ऑडीटर गुरुमूर्ति की अगुआई में द्रविड़ों के खिलाफ ब्राह्मण साजिश रच रहे हैं। मैं यह नहीं कहता कि साजिश में सभी ब्राह्मण शामिल हैं, लेकिन उनमें से 10 प्रतिशत राज्य के भगवाकरण की कोशिश में लगे हैं।” हालांकि मोदी की तारीफ़ करते हुए उन्होंने कहा, “मोदी अच्छे आदमी हैं, हम उनका समर्थन भी करते हैं। लेकिन उनके आस-पास मौजूद लोग उन्हें दिग्भ्रमित कर रहे हैं।” पूर्व मंत्री केपी मनुस्वामी की आलोचना पर नटराजन ने कहा, “नक्सलियों से संबंध के आरोपों की वजह से मनुस्वामी को उनके पद से हटा दिया गया था। शशिकला की वजह से उनकी पार्टी में वापसी हुई। उनके पार हमारे खिलाफ बोलने के लिए कोई नैतिक आधार नहीं है।”
कौन हैं शशिकला
शशिकला, तमिलनाडु की छह बार मुख्यमंत्री रही जयललिता की सबसे करीबी मित्र थीं। वे जयललिता के साथ एक ही घर में रहा करती थीं। हालांकि 2011 में किसी विवाद पर जया ने उन्हें घर और पार्टी से बाहर कर दिया था। बाद में सार्वजनिक माफी के बाद पार्टी में उनकी वापसी हुई। उन्हें तमिलनाडु सरकार में अम्मा के बाद सबसे ज्यादा ताकतवर माना जाता है। 5 जनवरी को अम्मा के निधन के कुछ दिनों बाद ही पार्टी ने उन्हें महासचिव चुन लिया। हालांकि, पार्टी के कुछ सांसद, विधायक और नेता उनकी नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं। अम्मा की भतीजी भी खुलकर उनका विरोध कर रही हैं। कुछ लोगों ने अम्मा के निधन के पीछे शशिकला की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। कुछ का आरोप यह भी है कि वे पार्टी और सत्ता दोनों पर पूरी तरह से कब्जा करना चाहती हैं।