भाजपा के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के फिलहाल केंद्र सरकार में शामिल होने की बातों में कोई दम नहीं। यह कहते हैं कि अमित शाह के लिए अगला लोकसभा चुनाव जीतना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष
अमित शाह के पार्टी संगठन छोड़कर केंद्र सरकार में अहम जिम्मेदारी संभालने की अटकलों को पार्टी ने गलत बताया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगला चुनाव पार्टी उन्हीं की अध्यक्षता में लड़ेगी। राज्यसभा के लिए उनके नामांकन के साथ ही केंद्र सरकार में उनके शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थी। भाजपा के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष
अमित शाह के फिलहाल केंद्र सरकार में शामिल होने की बातों में कोई दम नहीं। यह कहते हैं कि
अमित शाह के लिए अगला लोकसभा चुनाव जीतना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
2019 का चुनाव अमित शाह के नेतृत्व में लड़ेगी पार्टी स्वभाविक तौर पर प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी का भी सबसे बड़ा लक्ष्य यही है। दोनों ही नेताओं को यह पता है कि यह काम
अमित शाह के पार्टी पर सीधे नियंत्रण से ही हो सकता है। ऐसे में उनके सरकार में शामिल हो जाने से उन्हें पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी छोड़नी होगी। पार्टी संविधान के मुताबिक कोई भी व्यक्ति दोनों पदों पर नहीं रह सकता। पिछले दिनों
अमित शाह ने गुजरात से राज्यसभा सीट के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है।
गुजरात के नारनपुरा से हैं विधायक
अभी वह गुजरात के नारनपुरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बावजूद उन्होंने गुजरात विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया था। कुछ समय पहले उन्हें गुजरात का मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें भी लगाई जा रही थी। लेकिन पत्रिका ने अपनी खबर में यह बताया था कि वह अभी पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ कर गुजरात की कमान संभालने नहीं जा रहे।
शाह बने रहेंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष
आप पार्टी के कुछ नेता यह बताने में लगे हैं कि
अमित शाह राज्यसभा सदस्य बनने के बाद केंद्र में रक्षा मंत्रालय या कोई अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल सकते हैं। इनका कहना है ऐसी स्थिति में पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी विश्वसनीय व्यक्ति को दी जा सकती है। लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के उत्साहजनक नतीजों के बाद से ही
अमित शाह लगातार राज्यों के दौरे में जुट गए हैं।
2019 की तैयारियों में जुटी है पार्टी
राज्यसभा के चुनाव अगले महीने ही होने हैं। अगर वह राज्य सभा चुनाव जीतने के बाद केंद्र में मंत्री पद की जिम्मेदारी ले लेते हैं तो ऐसे में 2019 फतेह की उनकी तैयारियों को बड़ा झटका लग सकता है। हालांकि यह बात भी उतनी ही सच है कि मोदी और
अमित शाह के अगले कदम की जानकारी या अंदाजा लगाना किसी के लिए संभव नहीं।