script

जब मनोज लड़ रहे थे रिंग में, तब भाई खड़े थे उनके सम्मान के लिए कोर्ट में

Published: Jul 28, 2017 09:51:00 pm

कोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब मांगते हुए 29 अगस्त को सुनवाई की अगली तारीख तय की है।

boxer manoj rio olympic

boxer manoj rio olympic

कुलदीप पंवार
नई दिल्ली। लगता है कि कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता बॉक्सर मनोज कुमार के लिए अपने करियर में रिंग के अंदर पदक के लिए लडऩे के अलावा जिंदगी में दुश्वारियों से लड़ाई भाग्य का हिस्सा बन गई है। पहले बड़ी-बड़ी उपलब्धियां होने के बावजूद मनोज कुमार को अर्जुन अवॉर्ड पाने को भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। अब उन्हें सरकार के खिलाफ उनसे कमतर खिलाडिय़ों को नियुक्ति देने के खिलाफ कानूनी जंग में उतरना पड़ा है।

शुक्रवार को एकतरफ मनोज कुमार चेक गणराज्य में एक बॉक्सिंग टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में भिड़ रहे थे तो उनके भाई व कोच राजेश कुमार उनकी तरफ से चंडीगढ़ में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पेश हो रहे थे। राजेश ने दो बार के ओलंपियन बॉक्सर मनोज की तरफ से उनसे कम उपलब्धियों वाले खिलाडिय़ों को नियुक्ति देने के खिलाफ याचिका लगाई, जिस पर कोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब मांगते हुए 29 अगस्त को सुनवाई की अगली तारीख तय की है।

कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद मिली थी नियुक्तियां
दरअसल वर्ष 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले अपने राज्य के खिलाडिय़ों को हरियाणा सरकार ने नई नीति बनाकर डीएसपी पर पर पुलिस में नियुक्ति दी थी, लेकिन इसमें मनोज कुमार की अनदेखी कर दी गई। मनोज इसके खिलाफ लगातार विभिन्न सरकारी अधिकारियों से गुहार लगा रहे थे।

दो बार देश के लिए लड़ाई लड़ चुके फौजी के हैं पुत्र

लेकिन वर्ष 1965 व 1971 की लड़ाई में लड़ चुके सिपाही के पुत्र मनोज को कहीं से भी आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। इसके चलते ही उन्हें कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। राजेश ने बताया कि कोर्ट के सामने डीएसपी पद पर नियुक्त किए गए सभी खिलाडिय़ों की उपलब्धि के साथ मनोज की उपलब्धियां भी पेश की गईं। जिसमें बताया गया कि कॉमनवेल्थ गेम्स में आज तक भारत को सिर्फ 5 स्वर्ण पदक मिले हैं, जिसमें एक मनोज का भी है। कोर्ट ने इस पर सरकार से जवाब मांगा है कि यदि मनोज की उपलब्धियां अन्य सभी से कमतर नहीं थी तो आखिर किस आधार पर उनकी अनदेखी की गई? अब 29 अगस्त को यानि राष्ट्रीय खेल दिवस के दिन इस मामले में सुनवाई होगी।

चेक में पहुंचे फाइनल में
इस समय उस्ती नद लाबेम ग्रां प्री बॉक्सिंग टूर्नामेंट खेलने के लिए देश की तरफ से चेक गणराज्य गए हुए मनोज (69 किग्रा) समेत तीन भारतीय मुक्केबाजों ने अपने-अपने भार वर्ग के फाइनल में प्रवेश कर रजत पदक पक्का कर लिया है। मनोज ने क्रिस्टियन चोलिंस्की को हराया, जबकि सतीश कुमार (+91 किग्रा) ने चेक के ही एडम कोलारिक को और मनीष पंवार (81 किग्रा) ने स्थानीय फेवरेट बताए जा रहे कामिल लाडके को हराया।

ट्रेंडिंग वीडियो