अच्छे रिटर्न के साथ पूंजी की सुरक्षा चाहने वालों के लिए म्युचुअल फंड्स सबसे आकर्षक विकल्पों में शुमार रहे हैं। खासकर जिन निवेशकों के जेहन में दीर्घकालीन लाभ होता है, उनके लिए अक्सर ये मुफीद साबित होते हैं। मार्केट की वर्तमान उथल-पुथल के बीच म्युचुअल फंड्स में भी बैलेंस्ड म्युचुअल फंड इन्वेस्टर के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ा है।
नई दिल्ली. अच्छे रिटर्न के साथ पूंजी की सुरक्षा चाहने वालों के लिए म्युचुअल फंड्स सबसे आकर्षक विकल्पों में शुमार रहे हैं। खासकर जिन निवेशकों के जेहन में दीर्घकालीन लाभ होता है, उनके लिए अक्सर ये मुफीद साबित होते हैं। मार्केट की वर्तमान उथल-पुथल के बीच म्युचुअल फंड्स में भी बैलेंस्ड म्युचुअल फंड इन्वेस्टर के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ा है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार २०१६ के अक्टूबर में इक्विटी फंड में हुए ३२४८ करोड़ रुपए की तुलना में बैलेंस्ड फंड्स में ३२७५ करोड़ रुपए का निवेश हुआ।
क्या हैं बैलेंस्ड म्युचुअल फंड्स
बैलेंस्ड म्युचुअल फंड्स इक्विटी और डेट का खूबसूरत मिश्रण होते हैं। इसीलिए जो निवेशक अधिक जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, लेकिन उन्हें बेहतर रिटर्न चाहिए, वे बैलेंस्ड म्युचुअल फंड में निवेश करना पसंद करते हैं। दूसरी तरफ अभी बाजार में जिस तरह की उथल-पुथल है, उसमें इक्विटी म्युचुअल फंड्स के साथ खासा जोखिम है। दूसरी तरफ, डेट म्युचुअल फंड्स से तुलनात्मक रूप से कम रिटर्न मिलते हैं।
किस तरह होता है निवेश
इक्विटी बैलेंस्ड म्युचुअल फंड्स के तहत इक्विटी सिक्युरिटीज में ६५ से ८० फीसदी और बाकी डेट सिक्युरिटीज में निवेश किया जाता है। इक्विटी फंड्स की तरह अच्छे रिटर्न और उसी तरह के टैक्स ट्रीटमेंट के कारण बैलेंस्ड फंड्स में लोग बड़ी मात्रा में निवेश करते हैं। अगर सिक्युरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स चुका दिया गया हो तो १२ महीनों के लिए निवेश की गई यूनिट्स पर टैक्स की छूट भी मिलती है।
बढ़ा है इन्फ्लो इसमें
बैलेंस्ड म्युचुअल फंड्स की लोकप्रियता बढऩे का ही नतीजा है कि २०१६ के जुलाई में इसमें २०७९ करोड़ रुपए आए। इन्फ्लो बढऩे और मार्केट के बेहतर प्रदर्शन से बैलेंस्ड म्युचुअल फंड्स से लगातार निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल रहा है। हालांकि इस समय जिस तरह की अनिश्चतता है, उसमें लगातार उच्च ग्रोथ के बारे में आश्वस्त नहीं हुआ जा सकता है।