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हवाई जहाज से भी तेज दौड़ेगी हाइपरलूप ट्रेन, 29 मिनट में न्यूयॉर्क से वाशिंगटन तक का सफर

यॉर्क को वाशिंगटन डीसी से जोड़ने की अनुमति मिल गई है। हाइपरलूप तकनीक से न्यूयॉर्क से 29 मिनट में वाशिंगटन पहुंचा जा सकेगा। गौरतलब है कि अमरिकी कंपनी हाइपरलूप वन के अधिकारी ने फरवरी 2017 में रेल मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात कर भारत में भी इस तकनीक को इस्तेमाल करने की बात कही थी। 

Jul 23, 2017 / 04:56 pm

shachindra श्रीवास्तव

Hyperloop Tunnel

Hyperloop Tunnel

लंदन/ नई दिल्ली: तकनीक के क्षेत्र के बड़े उद्यमी एलोन मस्क ने गुरुवार को दावा किया कि उन्हें अल्ट्रा हाई स्पीड तकनीक वाली अंडरग्राउंड ट्रांसपोर्ट सिस्टम से न्यूयॉर्क को वाशिंगटन डीसी से जोड़ने की अनुमति मिल गई है। हाइपरलूप तकनीक से न्यूयॉर्क से 29 मिनट में वाशिंगटन पहुंचा जा सकेगा। गौरतलब है कि अमरिकी कंपनी हाइपरलूप वन के अधिकारी ने फरवरी 2017 में रेल मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात कर भारत में भी इस तकनीक को इस्तेमाल करने की बात कही थी। इस दौरान कंपनी ने दावा किया था कि इस हाइपरलूप ट्रेन के जरिए दिल्ली और मुंबई की दूरी को 60 मिनट में तय की जाएगी। साथ ही मुंबई और चेन्नई के बीच यात्रा सिर्फ 30 मिनट में पूरी होगीय़ कंपनी ने दावा किया था कि मैगनेटिक लेविटेशन प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से ऐसा संभव है। 

रेलमंत्री प्रभु ने कंपनी को दिया भरोसा
हाइपरलूप वन के कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि कई नई प्रौद्योगिकियां आ रही हैं कि हम इस पर उत्सुकता से नजर रख रहे हैं। हाइपरलूप एक ऐसी प्रौद्योगिकी पर काम कर रहा है जिसमें लोगों और सामान की ढुलाई हवाई जहाज की गति से करने के लिए कम दबाव के ट्यूब में मैगनेटिक लेविटेशन का इस्तेमाल किया जाएगा। इस दौरान रेल मंत्री ने कहा था कि भारतीय रेलवे ने आधारभूत संरचना के आधुनिकीकरण और गति बढ़ाने की जबरदस्त कवायद शुरू की है।

साल के अंत तक औपचारिक मंजूरी की संभावना
मस्क ने ट्वीट कर दावा किया कि इस तकनीक के माध्यम से न्यूयॉर्क से फिलाडेल्फिया, बाल्टीमोर होते हुए वाशिंगटन तक की लगभग 402 किलोमीटर की दूरी (250 मील) 29 मिनट में तय करेगी। उन्होंने बताया कि इस साल के अंत तक प्रोजेक्ट को औपचारिक मंजूरी मिलने की संभावना है।


क्या है हाइपरलूप ?
इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला और रॉकेट बनाने वाली कंपनी स्पेसएक्स के सीईओ एलोन मस्क दुनिया में अत्यधिक तेज रफ्तार वाली विशालकाय वैक्यूम ट्यूब सिस्टम विकसित करने की कोशिश में है, जिसके जरिए सामान और लोगों को एक जगह से दूसरी जगह बेहद तेजी के साथ पहुंचाना मुमकिन हो पाएगा। इसे हाइपरलूप के नाम से जाना जाता है। 
 
कौन हैं एलोन मस्क ?
एलोन मस्क तकनीक की दुनिया का एक बड़ा नाम है। मस्क अमरीका के आविष्काक, उद्योगपति और स्पेस एक्स कंपनी, टेस्ला (टीएसएलए) और बोरिंग कंपनी के सीईओ हैं। ये न सिर्फ हाइपरलूप ट्रेन और टनल बना रहे हैं, बल्कि स्पेस एक्स रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में पर्यटन को भी हकीकत बनाने की कोशिश कर रहे हैं। स्पेस एक्स के जरिए अब आम इंसान भी अंतरिक्ष में भेजे जा सकेंगे। 
 
यातायात सिस्टम के लिए कंपनी की शुरुआत
एलोन मस्क ने हाल ही में एक कंपनी शुरू की है जिसका नाम है बोरिंग। यह उनके क्रांतिकारी यातायात सिस्टम के लिए सुरंग का निर्माण करेगी। उनका कहना है कि यह इस समय इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रोपल्शन से चल रही हाई-स्पीड ट्रेन से अधिक तेज गति वाली होगी। 

चुंबकीय शक्ति से हवा में चलती है बोगी
हाइपरलूप ट्रेन चुंबकीय शक्ति पर आधारित तकनीक है, जिसमें खंभों के ऊपर (एलीवेटेड) पारदर्शी ट्यूब बिछाई जाती है। इसके भीतर बुलेट जैसी शक्ल की लंबी बोगी हवा में तैरते हुए चलती है। यानी कि हाइपरलूप सुरंग में दौड़ने वाला एक ऐसी ट्रेन है, जो इलेक्ट्रो मैगनेटिक फील्ड पर हवा में तैरता हुए चलती है। इस तकनीक के आने से पूरी दुनिया में यातायात की तस्वीर ही बदल जाएगी। इस तकनीक से कोई वस्तु अथवा इंसान मिनटों में हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर लेगा। 
 

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