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लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी के भाषण की दस खास बातें

Published: Aug 15, 2016 01:20:00 pm

Submitted by:

Abhishek Tiwari

प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से बलूचिस्तान तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर एवं गिलगित क्षेत्र पर भी बात की

PM Modi Spech From Lal Quila

PM Modi Spech From Lal Quila

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से लगातार तीसरी बार भारतीय ध्वज को फहराया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कई ऐसी बातें कही जो देश को हर पहलु से फायदा पहुंचाने वाला होगा। प्रधानमंत्री ने गरीबों के लिए एक लाख तक का उपचार खर्च उठाने से लेकर स्वतंत्रता सेनानियों को बीस प्रतिशत बढा कर पेंशन देने तक की बातें कहीं। देश के इतिहास में मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं जिसने पाक की दुखती रग बलूचिस्तान से लेकर गिलगिट और पीओके पर भी जमकर बोले। ऐसे ही प्रधानमंत्री के भाषण की दस बातें हम आपको बता रहे हैं।

1.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से बलूचिस्तान तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर एवं गिलगित क्षेत्र के लोगों से सीधा संवाद स्थापित करके आतंकवाद को प्रश्रय देने के लिए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। मोदी ने 70वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए बलूचिस्तान तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर एवं गिलगित क्षेत्र का सीधे तौर पर उल्लेख किया।

पहली बार लालकिले से इन क्षेत्रों के लोगों से सीधा संवाद
यह पहला मौका है जब किसी प्रधानमंत्री ने लालकिले की प्राचीर से इन क्षेत्रों के लोगों से सीधा संवाद किया है। उल्लेखनीय है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान से अलग होने का आंदोलन चल रहा है और हाल में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर एवं गिलगित क्षेत्र में भी ऐसे आंदोलनों ने जोर पकड़ा है। कश्मीर घाटी में लोगों को बहकाने, आतंकवाद फैलाने तथा कश्मीर के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाने में लगे पाकिस्तान को घेरते हुए प्रधानमंत्री ने बीते शुक्रवार को कश्मीर की स्थिति पर बुलायी गई एक सर्वदलीय बैठक में कहा था कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को विश्व के सामने बलूचिस्तान में और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लोगों पर हो रहे अत्याचारों का जवाब देना होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया आभार
इसके बाद सोशल मीडिया पर इन क्षेत्रों के लोगों ने मोदी की सराहना की थी और उनका आभार जताया था। प्रधानमंत्री ने इसके लिए उन लोगों को अभिनंदन करते हुए कहा कि कुछ दिनों से बलूचिस्तान, गिलगित और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों ने जिस प्रकार से मुझे बहुत बहुत धन्यवाद दिया है, जिस तरह से मेरा आभार जताया है और मेरे प्रति सछ्वावना व्यक्त की है। दूर दूर बैठे लोग, जिस धरती को मैंने देखा नहीं है, जिनसे मेरी कभी मुलाकात भी नहीं हुई है। वे हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री का अभिनंदन, आदर कर रहे हैं, वे दरअसल हिन्दुस्तान के सवा सौ करोड़ देशवासियों का सम्मान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह तहेदिल से बलूचिस्तान, गिलगित एवं पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोगों का आभार व्यक्त करते हैं।

2.
पेशावर हमले के बाद भारत की संसद की आंख में आंसू

मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि भारत में आतंकवाद से मरने पर वहां जश्न मनाया जाता है, लेकिन पेशावर के एक स्कूल पर आतंकवादी हमले में बच्चों के मारे जाने पर भारत की संसद से लेकर बच्चे बच्चे की आंख में आंसू थे। इस भेद को निश्चित रूप से दुनिया समझेगी। उन्होंने अपनी सरकार की विदेश नीति खासकर पड़ोसियों को लेकर नीति की चर्चा करते हुए कहा कि जिस दिन उन्होंने शपथ ली थी, उसी दिन दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) के नेताओं को आमंत्रित करके उनसे बातचीत की थी और उनका आह्वान किया था कि वे मिलकर क्षेत्र की साझा चुनौती गरीबी से लड़ाई लड़ें। अपने लोगों को गरीबी से आजादी दिलाने से बढ़कर कुछ नहीं है।

वे लोग मौत पर मनाते हैं जश्नः मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवता में पले बढ़े लोगों और आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों में अंतर क्या है, इसे समझना होगा। एक उदाहरण है कि पेशावर में एक स्कूल पर जब आतंकवादी हमला हुआ और निर्दोष बच्चों की हत्या कर दी गयी। ज्ञान के मंदिर को मासूम बच्चों के खून से रक्तरंजित कर दिया गया। जब भारत की संसद में सबकी आंखों में आंसू थे। भारत का हर बच्चा दुखी था। यही हमारी मानवता है जबकि वहां के लोग हमारे यहां आतंकवादी घटना में लोगों के मारे जाने पर जश्न मनाया जाता है।

3.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए बड़ी घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अनुभव कर रहे हैं कि गरीब के घर बीमारी आती है तो दिक्कत होती है। हमने संकल्प किया कि गरीब बीमार हो तो साल में एक लाख रुपए तक का खर्च सरकार उठाएगी। वहीं मोदी ने कहा कि श्देश में स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान रहा है। आज सभी मेरे श्रद्धेय स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को जो सम्मान राशि मिलती है, उसमें 20 प्रतिशत की वृद्धि का एलान करती है। अगर किसी को 25 हजार रुपए महीना मिलते थे, उसकी जगह अब 30 हजार रुपए मिलेंगे। ये मेरा छोटा प्रयास है।

4.
आज घर में कार हो, तो उसको प्रतिष्ठा का विषय माना जाता है। एक समय था कि जब घर में गैस-चूल्हा हो तो उसे सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता था। 60 साल में 14 करोड़ लोगों को रसोई गैस का कनेक्शन दिया गया था, वहीं हमने 60 सप्ताह में 4 करोड़ नए रसोई गैस कनेक्शन दिए।

देश में एक समय था कि सरकार कोई योजना घोषित करे, तो आम आदमी संतुष्ट हो जाता था। एक समय था कि जब तक योजना का खाना न आया तब तक लोग संतुष्ट नहीं होते थे। आज 70 साल में लोगों की मानसिकता बदली है। अब लोग तब मानते हैं जब धरती पर चीजें उतरती हैं। यहां पुरानी रफ्तार से काम नहीं हो सकता, हमें अपने काम की रफ्तार को और तेज करना होगा।

5.
देशवासियों की थाली महंगी नहीं होने दूंगा
पीएम मोदी ने कहा कि हम मुद्रास्फीति को छह फीसदी से नीचे ले आए हैं। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए काम करूंगा कि गरीब की थाली पर महंगाई का असर नहीं पड़े। पीएम ने दाल के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि दालों की बुआई में इस साल डेढ़ गुना वृद्धि, इससे कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी।

किसान के पास मिट्टी है। उसे अगर पानी मिल जाए, तो मेरे देश के किसानों में इतना दम है कि वे जमीन से सोना निकाल लें। इसीलिए हम जल प्रबंधन पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। सिंचाई सुविधाएं पर काफी काम हो रहा है। सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों पर भी हम काफी काम कर रहे हैं। इससे किसानों की लागत कम होंगी। अबतक हमने 77 हजार सोलर पंप बांटे हैं। अब किसानों की खुशहाली आएगी।

हमारे वैज्ञानिकों ने 171 से ज्यादा नए बीज विकसित किए हैं। वे देश की जलवायु और मिट्टी के हिसाब से इन बीजों को विकसित कर रहे हैं। इससे उपज बढ़ेगी। पहले खाद और यूरिया की कमी होती थी। हमने सबसे ज्यादा खाद का उत्पादन किया है। हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बनाई। पहली बार कम से कम प्रीमियम से अधिक से अधिक और गारंटीड लाभ मिल रहा है। हमने 15 लाख टन अन्न के भंडारण के लिए गोदामों का निर्माण कराया है।

मेरा मकसद 2022 तक देश के किसानों की आमदनी को दोगुना करना है। देश में पहले की सरकारों ने अपने फायदे के लिए बहुत काम किया है। हमारे यहां एकाध लोकरंजक योजनाएं बनाकर सरकारों द्वारा अपनी पहचान बनाए जाने का चलन रहा है। हमने सरकार की पहचान को प्राथमिकता नहीं दी, बल्कि देश की पहचान को महत्व दिया है।

6.

मोदी ने कहा कि इसी तरह पासपोर्ट बनवाने में पहले छह से आठ महीने का वक्त लगता था, लेकिन अब यह कुछ सप्ताह में ही बन जाता है, भले ही आज की तारीख में सालाना लगभग दो करोड़ लोग पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं। पहले सालाना लगभग 20 हजार लोग पासपोर्ट के लिए आवेदन करते थे। उन्होंने अपने भाषण में कहा है कि हमने 70 करोड़ भारतीयों को अधार कार्ड और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा है।

7.

प्रधानमंत्री मोदी ने ऊर्जा के मुद्दे पर कहा कि उनकी सरकार का ध्यान ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों पर है, खासकर सौर व पवन ऊर्जा पर। उन्होंने कहा कि बाजार में 350 रुपये में मिलने वाले एलईडी बल्ब को उनकी सरकार मात्र 50 रुपये में उपलब्ध करा रही है। मोदी ने कहा कि अब तक, ऐसे 13 करोड़ बल्ब वितरित किए जा चुके हैं और हमारा लक्ष्य 77 करोड़ बल्ब वितरित करना है। इन 70 करोड़ एलईडी बल्बों से 1.25 लाख करोड़ रुपये कीमत की 20 हजार मेगावाट बिजली की बचत होगी।

उन्होंने कहा कि सुदूरवर्ती इलाकों तक बिजली पहुंचाने के लिए 50 हजार किलोमीटर पारेषण (ट्रांसमिशन) लाइन का निर्माण किया गया है, जबकि पहले यह 30-35 हजार किलोमीटर थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि बिजली की सुविधा से महरूम 18 हजार गांवों में से 10 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है।

8.
शासन को जनता के लिए उत्तरदायी होना चाहिए। ऐसा न होने पर आम लोगों की समस्याएं ऐसे की ऐसी ही रहती हैं। बदलाव नजर नहीं आता। शासन को संवेदनशील होना चाहिए। हमें याद है वो भी एक दिन थे, जब किसी बड़े अस्पताल में जाना हो तो कितने दिनों तक इंतजार करना पड़ता था। AIIMS में 2-3 दिन के बाद जांच शुरू होती थी। अब यह व्यवस्था हमने बदली है। सब ऑनलाइन हो गया है।

2 साल के कार्यकाल में हमने अनगिनत काम किए। मैं भी लाल किले की प्राचीर से सरकार की बहुत सी उपलब्धियां बता सकता हूं, लेकिन उसका हिसाब देने के लिए मुझे यहां हफ्ते भर तक बोलना होगा।


9.
यह सच है कि देश के सामने कई समस्याएं हैं, लेकिन देश में सामर्थ्य भी है। सामर्थ्य की शक्ति से समस्याओं से समाधान के रास्ते भी मिल जाते हैं।

पंचायत हो या संसद हो, ग्राम प्रधान हो या प्रधानमंत्री हो, हर लोकतांत्रिक संस्था को सुराज्य की ओर आगे बढ़ने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होगा। सरदार पटेल ने देश को एक किया, अब हमारा दायित्व है देश को श्रेष्ठ बनाएं।

10.
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरूआत करते हुए कहा कि 15 अगस्त के दिन देश की आजादी के लिए बलिदान देने वालों की याद आती है। हो सकता है हर किसी को जेल जाने का सौभाग्य न मिला हो, लेकिन प्रत्येक हिंदुस्तानी महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश की आजादी के लिए प्रतिबद्ध था। तब जाकर स्वराज्य प्राप्त हुआ।

सुदर्शन चक्र धारी से लेकर चरखाधारी मोहन तक हमारी यात्रा और विरासत हैं। वेद से विवेकानंद तक, उपनिषद से उपग्रह तक, महाभारत के भीम से भीमराव तक का इतिहास है भारत का। भारत की उम्र 70 साल नहीं है, लेकिन गुलामी के लंबे इतिहास के बाद जब हमें आजादी मिली और एक नई व्यवस्था के तहत हमने शुरुआत की, उस यात्रा को शुरु हुए 70 साल हो गए हैं।

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