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कश्मीरी भारत के साथ खुश तो वहीं रहें: अब्दुल बासित

बासित ने कहा कि हम शायद कुछ वक्त तक एक दूसरे से बात करना पसंद नहीं करें, लेकिन हमारी कई
समस्याओं का हल बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों से ही निकलना है

Sep 25, 2016 / 10:51 am

Rakesh Mishra

Abdul Basit

Abdul Basit

नई दिल्ली। उरी में सेना के मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित ने कहा कि जंग किसी मामले का हल नहीं है। हालांकि इस दौरान भी वे कश्मी मुद्दा उठाने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि जम्मू- कश्मीर के लोगों को अपने भविष्य का फैसला करने के लिए बेहतर मौका मिलना चाहिए। अगर उन्हें लगता है कि वे भारत के साथ ज्यादा खुश हैं तो वे वहीं रहें, पाकिस्तान को इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है।

अंग्रेजी अखबार द टेलिग्राफ को दिए इंटरव्यू में बासित ने कश्मीर के मुद्दे पर कहा कि किसी क्षेत्र पर दावा करने की ना तो इच्छा है और ना ही हमारा नजरिया ऐसा है। हालांकि कश्मीर सिर्फ एक क्षेत्र नहीं है। यहां एक करोड़ बीस लाख लोगों की जिंदगी का सवाल है। ऐसे में अगर कश्मीर के लोग भारत के साथ खुश हैं और वहां से जुड़ा महसूस करते हैं तो ठीक है। ऐसे में पाकिस्तान को कोई समस्या नहीं है, लेकिन अपना भविष्य तय करना कश्मीर का हक है। उन्होंने कहा कि पठानकोट हमले के बाद भी हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे थे, लेकिन तब आठ जुलाई की घटना (बुरहान वानी का एनकाउंटर) हुई और आप देख लें कि उसके बाद से कश्मीर में क्या हुआ। हमारी बातचीत ने रफ्तार खो दी।

भारत और पाकिस्तान के बीच फिलहाल चल रहे तनावपूर्ण माहौल पर बासित का कहना है कि हमें अपने संवाद पर युद्धोन्माद हावी नहीं होने देना चाहिए। हम शायद कुछ वक्त तक एक दूसरे से बात करना पसंद नहीं करें, लेकिन हमारी कई समस्याओं का हल बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों से ही निकलना है। हम मुश्किल जगह पर खड़े हैं, लेकिन हम जंग के बारे में नहीं सोच रहे। जंग किसी चीज का हल नहीं है। इससे और ज्यादा समस्याएं पैदा होती हैं। यूएन में भारत की ओर से पाकिस्तान को आतंकवादी मुल्क कहे जाने को बासित ने बहुत ज्यादा तरजीह न देते हुए इसे महज जुमलेबाजी करार दिया। उन्होंने कहा कि उनकी ओर से भी इसी तरह की रोचक शब्दावली का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इससे कोई मकसद हल नहीं होता।

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