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मोदी सरकार हर नागरिक को मासिक आय देने की कर रही तैयारी

Published: Jan 05, 2017 12:47:00 pm

सरकार यूनिवर्सल बेसिक इनकम लागू कर सकती है। इसका ऐलान बजट में हो सकता है।

Modi govt universal income basic scheme

Modi govt universal income basic scheme

नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद अब सरकार जनता को राहत देने वाला फैसला ले सकती है। सरकार यूनिवर्सल बेसिक इनकम योजना लागू कर सकती है। इसके तहत हर नागरिक को हर माह उसकी आमदनी के तौर पर एक तयशुदा रकम मिलेगी। आर्थिक सर्वे और आम बजट में इस बाबत घोषणा हो सकती है।

हर माह 500 रुपये देने पर विचार

सूत्रों के अनुसार, योजना पर सहमति बन गई मगर अभी इस बात पर अंतिम निर्णय लेना बाकी है कि क्या सभी को पैसा दिया जाए या फिर केवल बेरोजगारों को इसके दायरे में लाया जाए। सरकारी सूत्र बताते हैं कि जिनके पास कमाई का जरिया नहीं है उन्हें पैसा दिया जा सकता है। हर अकाउंट में 500 रुपये डाल कर योजना की शुरुआत हो सकती है। इससे करीब 20 करोड़ जरूरतमंदों को फायदा मिल सकता है। बता दें कि यह प्रस्ताव लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गाय स्टैंडिंग ने तैयार किया है। जिनीवा से उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार से जुड़े एक जिम्मेदार शख्स ने इस योजना की पुष्टि की है।

इंदौर में सफल रहा प्रयोग

 इंदौर के 8 गांवों की 6,000 आबादी के बीच साल 2010 से 2016 के बीच इस स्कीम का प्रयोग किया गया। पुरुष-महिला को 500 और बच्चे को हर महीने 150 रुपये दिए गए। इन पांच सालों में इनमें अधिकतर ने इस स्कीम का लाभ मिलने के बाद अपनी आय बढ़ा दी। इसके अलावा राजधानी दिल्ली में लगभग दो सौ लोगों के बीच प्रयोग सफल रहा। प्रोफेसर गाय स्टैंडिंग के अनुसार, इनकी केस स्टडी को सरकार ने देखने-समझने के बाद ही आगे बढऩे का मन बनाया है।

इकनॉमिक सर्वे रिपोर्ट में शामिल

आर्थिक विशेषज्ञ प्रोफेसर गाय स्टैंडिंग ने कहा कि यूनिर्वसल बेसिक इनकम स्कीम पर पेश रिसर्च को इकनॉमिक सर्वे रिपोर्ट में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द पनगढय़िा ने उनसे इस बारे में बात की थी और जानकारी दी थी। वहीं, आर्थिक जानकारों का मानना है कि योजना तभी सफल होगी जब अमीर-गरीब का भेद किए बिना हर नागरिक को खास इनकम हर महीने मिले। इसमें भेद किया तो फिर स्कीम अपने मूल रूप में नहीं रहेगी। भ्रष्टाचार बढ़ेगा।

जीडीपी का 3 से 4 फीसदी खर्च

स्कीम को पूरे देश में लागू किया जाता है तो जीडीपी का 3 से 4 फीसदी खर्च आएगा। अभी जीडीपी का 4 से 5 फीसदी सरकार सब्सिडी में खर्च कर रही है। स्कीम को लागू करने के बाद सरकार को चरणबद्ध तरीके से सब्सिडी समाप्त करने की दिशा मे भी कदम उठाना पड़ेगा। यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम और सब्सिडी दोनों साथ-साथ नहीं चल सकती। इसके अलावा इस स्कीम के लिए सरकार माइनिंग और बड़े प्रॉजेक्ट पर अलग से सरचार्ज निकालकर राशि जुटा सकती है।

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