अस्पताल ने कहा-700 रु. दो तभी देंगे पिता का शव
Published: Jul 01, 2016 01:12:00 pm
डॉक्टर्स-डे से पहले महावीर कैंसर अस्पताल में मानवता तार-तार, डॉक्टरों के सामने बेटा रातभर गिड़गिड़ाता रहा, 14 घंटे तक नहीं दिया पिता का शव, मामला बढ़ते देख इलाज खर्च किया माफ
जयपुर। राज्य सरकार से एक रुपए टोकन मनी पर बेशकीमती जमीन लेकर बनाए गए भगवान महावीर कैंसर अस्पताल में बुधवार रात मानवता तार-तार होती दिखी। महज 700 रुपए नहीं होने के चलते एक बेटे को पिता का शव 14 घंटे तक नहीं ले जाने दिया गया। बाद में मामला बढ़ता देख अस्पताल ने इलाज खर्च माफ कर आनन-फानन में शव देकर पीडि़त को रवाना कर दिया।
बताया 15 हजार खर्च, बिल 28700 का
आगरा के शमशाबाद निवासी पीडि़त लोकेन्द्र ने बताया कि उसके पिता नाहर सिंह कैंसर से पीडि़त थे। गत 24 जून को उसने पिता को भगवान महावीर कैंसर अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने उसे इलाज का खर्च 15 हजार रु. बताया था। लोकेन्द्र ने 20 हजार अस्पताल में जमा करवा दिए। बुधवार शाम नाहर की मौत हो गई। जब अस्पताल प्रबंधन से शव मांगा तो उन्होंने 8700 रुपए का और बिल दिया। जैसे-तैसे लोकेन्द्र ने आठ हजार का और इंतजाम किया लेकिन इस पर भी अस्पताल प्रबंधन का दिल नहीं पसीजा और उन्होंने साफ कह दिया कि पहले 700 रुपए और लाओ तब ही पिता का शव मिलेगा। गुरुवार को मामला बढ़ता देख अस्पताल प्रशासन ने नरमी दिखाई और इलाज खर्च माफ कर दिया।
…घर कैसे ले जाता
लोकेन्द्र ने बताया कि अस्पताल को 28 हजार रुपए देने के बाद उसके पास इतने भी पैसे नहीं बचे थे कि वह पिता के शव को घर तक ले जा सके। परिचित की मदद से एंबुलेंस की व्यवस्था की।
बिल की राशि कम करने के लिए मैं रात को ही कह गया था। कुछ कम्यूनिकेशन गैप रह गया। बाद में हमने पूरा बिल माफ कर दिया।
मेजर एससी पारीक, चिकित्सा निदेशक, भगवान महावीर कैंसर अस्पताल