सरकार का मानना है कि इंडियन मेडिकल सर्विस पब्लिक हेल्थ के लिए एक मजबूत व्यवस्था होगी और इसकी स्थापना से बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आएगा।
Indian Medical Service
नई दिल्ली। भारत सरकार अब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की तर्ज पर एक नई सेवा भारतीय चिकित्सा सेवा (आईएमएस) शुरू करने की तैयारी में है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में राज्यों को इस संदर्भ में विचार करने के लिए एक सर्कु लर भेजा है। जानकारी के अनुसार सरकार का मानना है कि इंडियन मेडिकल सर्विस पब्लिक हेल्थ के लिए एक मजबूत व्यवस्था होगी और इसकी स्थापना से बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आएगा। वर्तमान में केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के तहत चिकित्सा अधिकारियों का एक कैडर है, जो 1963 में गठित था। सेंट्रल हेल्थ सर्विसेज-शिक्षण, गैर-शिक्षण विशेषज्ञ, पब्लिक हेल्थ और सामान्य चिकित्सा के तहत चार प्रकार के अधिकारी हैं। इनमें से कई ने डिस्पेंसरी में काम किया है, जो कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को बुनियादी अस्पताल की देखभाल प्रदान करते हैं।
कैडर पर विवाद
अभी ये बहस का विषय है कि सैन्य सर्जन और सिविल सर्जन एक कैडर में होना चाहिए अथवा अलग कैडर में। वहीं राज्यों और केंद्र के अंतर्गत कार्यरत डॉक्टर्स के भी कैडर का मुद्दा विवादित ही रहा है। वहीं राज्य स्वास्थ्य संवर्ग और भारतीय चिकित्सा सेवा के अधिकारी दोनों एक-दूसरे से सीख सकते हैं।
भारतीय चिकित्सा सेवा के लिए प्रबंधन और चिकित्सीय ज्ञान के नए मॉडल की जरूरत होगी। हेल्थकेयर संस्थानों के नेटवर्क और ज्ञान प्रबंधन को भी नए सिरे से व्यवस्थित करना होगा। भीतरी कामकाज, स्वायत्तता और उत्तरदायित्व के मसले पर भी विस्तृत रणनीति और कार्ययोजना की जरूरत होगी।
क्यों हैं जरूरत
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मेडिकल क्षेत्र को समझने और व्यवस्थित करने में सक्षम नहीं हैं। इसके लिए विशेषज्ञता और प्रशिक्षण की आवश्यकता है। हालांकि आईएएस जिलाधिकारी के रूप में स्वास्थ्य सेवा संबंधी अनुभव हासिल करते हैं, लेकिन देश की जरूरत के हिसाब से यह नाकाफी है। सेंट्रल हेल्थ सर्विसेज के सदस्य भी इसमें बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते।
आजादी से पहले भी थी आईएमएस
आजादी के पहले भारत में भारतीय चिकित्सा सेवा अस्तित्व में थी। 1763-64 में चिकित्सा सेवाएं सबसे पहले बंगाल, मद्रास और बॉम्बे प्रशासन में स्थापित की गई। यह सेवाएं सेना के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए चिकित्सकों और सहायकों की भर्ती और तैनाती जैसे कामों को अंजाम देती थीं। 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम के बाद ब्रिटिश सरकार ने इन तीनों सेवाओं पर सीधा नियंत्रण कर लिया। इन्हें एकल भारतीय चिकित्सा सेवा में रखा। अब वापस इसी पुरानी व्यवस्था को अपनाते हुए भारत सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अलग से कैडर बना रही है।