scriptभारतीय वायुसेना का आसमानी जासूस पाकिस्तान और चीन पर रखेगा नजर | Indian airforce get a eye in sky soon | Patrika News

भारतीय वायुसेना का आसमानी जासूस पाकिस्तान और चीन पर रखेगा नजर

Published: Dec 08, 2016 02:54:00 pm

Submitted by:

अब भारतीय वायुसेना पाकिस्तानी और चीनी वायुसेना की गतिविधियों की जासूसी कर सकेगी। 

indian airforce

indian airforce

नई दिल्ली। अब भारतीय वायुसेना पाकिस्तानी और चीनी वायुसेना की गतिविधियों की जासूसी कर सकेगी। इसी महीने डिफेंस रिसर्च एंड डवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ)स्वदेशी जासूसी विमान नियुक्त करेगा। डीआरडीओ कर्नाटक में अपनी नर्व निर्मित चित्रादुर्गा एरोनॉटिकल रेंज में ये नया जासूसी विमान 23 दिसंबर को नियुक्त करेगा।

आसमान में दुश्मनों की सभी गतिविधियों पर नजर रखेगा ये विमान

ये एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल विमान होगा। ये विमान नियुक्त होने के बाद एयरफोर्स को सभी तरह के खतरों से आगाह करने का काम करेगा। ये विमान अपनी रेंज के अंदर दाखिल होने वाले दुश्मनों के विमानों पर भी पैनी नजर बनाए रखेगा। ये जासूसी विमान कमांड और कंट्रोल सेंटर के रूप में वायु सुरक्षाबल की मदद करेगा। डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया कि ये जासूसी विमान स्ट्राइक मिशन से सुरक्षा करने में एयरफोर्स का सहयोग करेगा।
जासूसी विमान की टेस्टिंग कर रही है वायुसेना

भारतीय वायुसेना के दुश्मन देशों और वहां की वायुसेनाओं की गतिविधियों पर भी नजर रख सकेंगे। वायु सुरक्षा बलों के सूत्रों के अनुसार इस जासूसी विमान की ज्यादातर क्षमताएं सिद्ध हो चुकी हैं मगर कुछ फीचर्स की टेस्टिंग अभी चल रही है। वायुसेना इस विमान का अच्छी तरह से परीक्षण कर रही है। भारत ने इस तरह के तीन जासूसी विमानों के लिए रूस और इजरायल से भी समझौता किया है। वायुसेना को ऐसे दो अन्य विमानों का भी इंतजार है।
us china, indo china, india china, Act-East policy, Richard Verma, india news
अमरीकी राजदूत ने पूर्वोतर राज्यों का दौरा पूरा किया, चीन को दिए संकेत

भारत में तैनात अमरीकी राजदूत रिचर्ड वर्मा की तरफ से उत्तर-पूर्वी राज्यों का दौरा पूरा हो चुका है। अमरीकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने पूर्वोतर राज्यों के नेताओं से मिलकर भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर चर्चा की है। इसे चीन के लिए एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। रिचर्ड वर्मा ने पिछले करीब डेढ़ महीने में मिजोरम को छोड़कर वहां के सभी राज्यों का दौरा किया है। अमरीकी दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी अमरीकी राजदूत ने इस तरह उत्तर-पूर्वी राज्यों का दौरा किया हो।

अमरीका में हुए बदलावों का साझेदारी पर कोई असर नहीं पड़ेगा

ऐसा माना जा रहा है कि भारत-अमेरिका के बीच हुई सामरिक साझेदारी का यह एक महत्वपूर्ण नतीजा है और रिजर्ड वर्मा के उत्तर-पूर्व के दौरे पर अमरीका में हुए प्रशासनिक बदलाव का कोई असर नहीं पडऩे दिया जाएगा। रिचर्ड वर्मा ने 29 नवंबर से लेकर 3 दिसंबर के बीच मेघालय, असम, मणिपुर, नागालैंड और त्रिपुरा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वहां पर मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, मणिपुर के सीएम ओकराम इबोबी सिंह, नागालैंड के सीएम टीआर जिलियांग के साथ ही त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय और मुख्यमंत्री माणिक सरकार से अलग-अलग मुलाकात की।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो