आत्महत्या करने वाले किसानों के बच्चों को दिल्ली के मॉल में घुसने से रोका
Published: Jul 21, 2017 06:10:00 pm
साउथ दिल्ली स्थित एक मॉल ने बुधवार को महाराष्ट्र के उन किसानों के 40 बच्चों को प्रवेश से इनकार कर दिया, जिन्होंने आर्थिक संकट के चलते महाराष्ट्र में सुसाइड कर लिया था।
तेज गर्मी से बचाव को ले गए थे मॉल
स्वराज भारत के दिल्ली के प्रमुख अनुपम ने बताया कि जंतर-मंतर पर आयोजित किसान मुक्ति यात्रा के समापन के बाद बच्चों को लगभग 4 बजे मॉल ले जाया गया था। अनुपम ने बताया कि बुधवार को बहुत अधिक गर्मी थी और बच्चे सुबह से ही बाहर गर्मी में बैठे थे। बच्चों को गर्मी से राहत दिलाने के उद्देश्य से उन्हे वातानुकूलित मॉल में ले जाया गया था।
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आधा घंटे तक मॉल के बाहर खड़े रहे बच्चे
बच्चों के साथ मॉल पहुंचे स्वराज भारत के स्वयंसेवक रोहिणी राज ने कहा कि मॉल अधिकारियों ने बच्चों के प्रवेश को लेकर अनुमति न होने की बात कही। उन्होंने बताया कि मॉल अधिकारियों ने बताया कि बच्चों को अंदर ले जाने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यक्ता की जरूरत है।आधा घंटा मॉल के बाहर खड़े रहे बच्चे उन्होंने बताया कि प्रवेश की अनुमति न मिलने के कारण बच्चे आधा घंटे तक मॉल के बाहर खड़े रहे। इनमें से अधिकांश बच्चे नासिक के एक आश्रम में रहते हैं।
मॉल ने आरोपों से इनकार किया
उधर, मॉल अधिकारियों ने इस तरह के आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि बच्चों को केवल सुरक्षा कारणों के चलते रोका गया था। बताया गया कि सभी बच्चों ने सफेद कुर्ता पहना था और टोपी लगाई थी। उनके माथे पर एक अजीब तरह का निशान बना था। उन्होंने यह भी कहा कि बाद में सभी बच्चों को न केवल मॉल में घुमाया गया, बल्कि उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई थी।
गलती का एहसास होने पर मॉल अधिकारियों ने लिया यू-टर्न
वहीं, स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव का कहना है कि जब मॉल अधिकारियों को अपनी गलती का अहसास हुआ तो उन्होंने यू-टर्न लिया था। योगेन्द्र ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि यह खबर मीडिया में लीक हो सकती है, तो उन्होंने बच्चों को मॉल घुमाने के साथ खाने के पेशकश भी की।