सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को ही श्रावणी तीज (Shrawani Teej) या हरियाली तीज (Hariyali Teej) कहा जाता है
Hariyali Teej Vrat Puja Vidhi- सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को ही श्रावणी तीज (Shrawani Teej) या
हरियाली तीज (Hariyali Teej) कहा जाता है। कुछ जगहों पर इसे कजली तीज (Kajli Teej) भी कहते हैं। इस बार हरियाली तीज बुधवार के दिन आने से यह संयोग और भी पुण्यदायी तथा शुभ बन गया है।
Hariyali Teej katha- ये है हरियाली तीज की कथा पुराणों के अनुसार इस दिन ही पार्वती का शिव से प्रथम बार मिलन हुआ था। अतः इस दिन मां पार्वती की पूजा की जाती है। इस त्यौहार का नवविवाहिताओं के लिए विशेष महत्व है। इस दिन वे अपने घर आकर व्रत रखती हैं तथा पार्वतीजी की पूजा करती हैं। कुछ राज्यों जैसे राजस्थान में इस दिन तीज की सवारी भी निकाली जाती है।
एक दिन पहले मनाया जाता है सिंजारा हरियाली तीज के एक दिन पहले लड़कियां तथा महिलाएं सिंजारा मनाती हैं। इस दिन नवविवाहिताओं के मायके से उनके ससुराल में वस्त्र, आभूषण, श्रृंगार, मेहंदी आदि भेजी जाती हैं। साथ ही नवविवाहिताओं को मायके आने का न्यौता दिया जाता है।
ऐसे करें पूजा तीज के दिन सुबह ही स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा के स्थान पर झूला बनाएं तथा उसे आम, अशोक के पत्तों व गुलाब, चंपा, चमेली आदि फूलों से सजाएं। इस दिन व्रत करें। यहां पर मां पार्वती तथा भगवान शिव की ईसर रूप में पूजा करें। लोकगीत गाएं। भगवान की पूजा के बाद ही व्रत खोलें।
हरियाली तीज पर करें ये उपाय इस बार हरियाली तीज बुधवार को आ रही हैं। बुधवार के देवता भगवान गणेश तीज के आराध्य देव शिव-पार्वती के पुत्र हैं। ऐसे में उनकी आराधना विशेष फल देगी। इस दिन भगवान गणपति की विधिवत पूजा-अर्चना कर उन्हें लड्डू का भोग लगाएं। इससे वो प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का वरदान देंगे। अन्य कुछ उपाय इस प्रकार भी कर सकते हैं जो तुरंत आपके सभी कष्ट दूर करेंगे।
(1) हरियाली तीज यानि बुधवार के दिन भगवान गणपति को चमेली के तेल मिश्रित सिंदूर चढ़ाएं तथा मूंग का लड्डू भोग में अर्पित करें।
(2) इस दिन गणपति अर्थवाशीर्ष का पाठ करें।
(3) गरीबों, बच्चों, जरूरतमंदों अथवा किसी गाय को भोजन दान करें।
(4) किसी हाथी को हरा चारा खिलाएं।
(5) गणेशजी के मंदिर पर लाल ध्वजा फहराएं।