atithi shikshak vacancy 2017-18 : सरकार विगत दस सालों से सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे करीब 75 हजार अतिथि शिक्षकों को खुश करने की तैयारी में है।
atithi shikshak vacancy 2017-18 : चुनावों को देखते हुए सरकार पक्ष मजबूत करते दिखाई दे रही हैं। अपना पक्ष मजबूत करने के लिए किसानो और अतिथि शिक्षकों सहित पुराने वादे पुरे करने की कोशिश में लगी हुई है। सरकार पर किसान कर्ज माफ़ी का दबाव बहुत ज्यादा रहा है। अतिथि शिक्षकों की कमी के चलते विद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई सही तरीके से नहीं हो पा रही हैं। सरकारी विद्यालय में पूरा स्टाफ नहीं होने के चलते इन्हे रखा गया था।
इस वर्ष शैक्षणिक सत्र शुरू हुए एक माह हो गया है, लेकिन शासकीय स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को रखने के लिए अभी कोई आदेश नहीं आए हैं। ऐसे में इस बार अतिथि शिक्षकों के बिना ही शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया, लेकिन कुछ स्कूलों में बगैर आदेश के ही अतिथि शिक्षक काम पर जाते हुए दिख रहे हैं। उन्हें डर सता रहा है कि कहीं संस्था प्रमुख उनकी जगह नए लोगों को काम पर न रख लें। दूसरी ओर कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इस बार अतिथि शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिए जाने की बात भी सामने आई है। सूत्रों की माने आॅनलाइन फॉर्म व्यापम की साइट पर प्राप्त हो सकेंगे।
विभागीय अधिकारी भी नए नियमों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आवेदक दस्तावेज सत्यापन के समय जमा किए गए फॉर्म का प्रिंट जिसमें आवेदक की फोटो चस्पा की गई हो अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करेगा। दस्तावेज के परिक्षण के लिए प्रिंसिपल लॉगिन पर सम्बंधित आवेदक का पूरा फॉर्म रीड आॅनली मोड पर उपलब्ध रहेगा, संस्था प्रधान उसकी जांच आवेदक द्वारा दिए गए फॉर्म से करना होगा।
प्रिंसिपल लॉगिन के बाद सत्यापन जाँच करके अप्रूव व रिजेक्ट में से एक विकल्प चुनेगा । साथ ही एक कमेंट बॉक्स भी उपलब्ध होगा। जिसमें अप्रूव या रिजेक्ट का कारण लिखना होगा । दस्तावेज परिक्षण के बाद निर्धारित तिथि पर वरिष्ठता सूची को ऑनलाइन जारी किया जाएगा। उसी आधार पर अतिथि शिक्षकों का चयन किया जाएगा। सूची जारी होने के बाद अभ्यर्थी चयन प्रक्रिया पर दावा भी ऑनलाइन कर सकेगा। जिनका निराकरण भी ऑनलाइन देखा जा सकेगा।
जो अतिथि शिक्षक बिना विभागीय आदेश के काम पर जा रहा है या जिन्हें संस्था प्रमुख द्वारा रखा गया है, उन्हें कोई वेतन नहीं दिया जाएगा।
2018 चुनाव ध्यान में रखकर 50 हजार की भर्ती करने में सरकार
राज्य में लंबे समय से बेरोजगार युवा सरकारी नौकरी का इंतजार कर रहे है। सरकार जल्द ही 50 हजार से अधिक पदों पर भर्ती करने वाली है। जिनमें पटवारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की भर्ती हरी झंडी हैं, साथ ही संविदा शिक्षक, अतिथि शिक्षकों की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू होने वाली है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को एक कार्यक्रम में यह आधिकारिक घोषणा की है कि 10 हजार पटवारियों, 550 तहसीलदार और 940 नायब तहसीलदारों की भर्ती की जाएगी। लंबे समय से सरकारी नौकरी का इंतजार कर रहे बेरोजगारों के लिए यह अच्छी खबर है।
चुनावी पिटारे में 41 हजार संविदा शिक्षकों की भर्ती जल्द करने में
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड यानी (पीईबी) जल्द ही संविदा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चालु कर सकता है। 41205 संविदा शिक्षकों की भर्ती के आदेश को मंजूरी मिलने के बाद से यह प्रक्रिया रुकी हुई है। लेकिन जल्द ही यह भर्ती प्रक्रिया की जाएगी।
राज्य सरकार शिक्षकों की बंपर वैकेंसी के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे चुकी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले कुछ दिनों में इसके लिए आवेदन फार्म मार्केट में आने वाली हैं। यह परीक्षा अब प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) लेगा। पहले इसका नाम व्यापमं था।
पीईबी जो परीक्षा आयोजित करने वाला है उसमें तीन वर्ग हैं। पहला संविदा शाला शिक्षक वर्ग-01 पात्रता परीक्षा, संविदा शाला शिक्षक वर्ग-02 पात्रता परीक्षा और संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 पात्रता परीक्षा शामिल हैं। फॉर्म जारी करने पर मंथन चल रहा हैं, व्यापमं जैसी अव्यवस्था न हो।
कुछ सालों से बदनामी झेल रहे व्यापमं अब कोई भी लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। इसलिए वह भर्ती को पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाने जा रहा है।
अनुभव के आधार पर बोनस पॉइंट में अटका है मामला
अतिथि शिक्षकों के बोनस अंक का निर्धारण के किया जाएं, इस बात को लेकर मामला लंबित होते जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने अनुभव आधार पर प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। भर्ती प्रक्रिया में तीन-चार माह लग सकते हैं। राज्य सरकार पहले भी 2013 में विधानसभा चुनाव के समय चाल चली थी कि संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। अबतक प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड PEB तीन बार परीक्षा की तारीखें घोषित कर चुका है।
2018 चुनाव से पहले कराने तैयारी में सरकार
राज्य सरकार चुनाव से पहले संविदा शाला शिक्षकों को भर्ती करवाकर अपना पक्ष मजबूत करना चाहेगी। इसलिए प्रक्रिया को लेट करती जा रही है। क्योंकि मध्यप्रदेश में चुनाव 2018 में है। और सरकार किसान आंदोलन जैसे विरोध का भी सामना करना पड़ा हैं।
चुनाव से पहले अतिथि शिक्षकों को खुश करने की तैयारी
सरकार विगत दस सालों से सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे करीब 75 हजार अतिथि शिक्षकों को खुश करने की तैयारी में है। उन्हें अनुभव के आधार पर बोनस के 15 प्रतिशत अंक दिए जाने की बात रखी गई थी । इसका सीधा सा अर्थ यह हुआ कि 100 अंक की परीक्षा में यदि 60 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है , तो वहीँ अतिथि शिक्षकों को 45 अंक पर ही उत्तीर्ण मान लिया जाएगा।बोनस अंकों का मापदंड दिन के आधार पर तय किया गया है। 200 से लेकर 399 दिन पढ़ाने पर 5 अंक मिलेंगे। इसके अलावा 400 से 599 दिन पढ़ाने पर 10 और 600 अथवा उससे ज्यादा दिन पढ़ाने पर 15 बोनस अंक मिलेंगे। ऐसा प्रावधान किया गया था। लेकिन बोनस अंकों की गणना में दिकक्कतों का सामना करने के कारण अब यह फार्मूला बदला जा सकता है।