जहां एक ओर दूनिया में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है वहीं इसे कम करने के लिए नये-नये तरीके खोजे जा रहे हैं।
जहां एक ओर दूनिया में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है वहीं इसे कम करने के लिए नये-नये तरीके खोजे जा रहे हैं।
इन
सब के बीच अब एक अच्छी खबर निकल कर यह आई है कि यूरोप के दो
विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं ने वर्तमान की तुलना में कहीं ज्यादा स्वच्छ
डीजल उत्पादन का तरीका खोज निकाला है।
इस स्वच्छ डीजल के जलने से
प्रदूषण अपेक्षाकृत कम होता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तरीके को जल्द
ही औद्योगिक उपयोग के लिए अमल में लाया जा सकता है।
इस विषय में
प्रोफेसर मार्टेंस ने कहा कि तेल उद्योग पिछले करीब 50 सालं से गलत
प्रक्रिया का इस्तेमाल कर रहा है। अगर उत्प्रेरकों के बीच कुछ नैनोमीटर की
दूरी रखी जाए तो ज्यादा स्वच्छ ईंधन उत्पादित होता है।
बेल्जियम
की कू ल्यूवेन यूनिवर्सिटी और नीदरलैंड्स की उट्रेच यूनिवर्सिटी के
शोधकर्ताओं ने स्वच्छ डीजल के उत्पादन के लिए उत्प्रेरकों का प्रयोग किया
है। इस प्रक्रिया में दो तरह के उत्प्ररकों का इस्तेमाल किया जाता है। एक
धातु के रूप में प्लेटिनम का और दूसरा ठोस एसिड का।
शोधकर्ताओं ने
बताया, माना जाता है कि उत्पादन की प्रक्रिया को तेज करने के लिए धातु और
ठोस एसिड को ज्यादा से ज्यादा नजदीक रखा जाना चाहिए। लेकिन नए प्रयोग के
परिणाम इस आम धारणा को खारिज करते हैं।