अपने आवेदन पत्रों में 2012 में ‘अन्य’ वर्ग शामिल करने के बाद से इग्नू देशभर में अबतक 661 विद्यार्थियों को दाखिला दे चुका है
नई दिल्ली। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की ट्रांसजेंडर (किन्नर) समुदाय के लोगों को मुफ्त शिक्षा देने की घोषणा के बाद यूनिवर्सिटी को अबतक ऐसे विद्यार्थियों के 100 आवेदन मिल चुके हैं। इससे पहले, इस कदम की पहल इग्नू के कुलपित रविंद्र कुमार ने 22वें प्रोफेसर जी राम रेड्डी लेक्चर के दौरान की थी। इग्नू के इस फैसले से दिल्ली के 4 हजार से अधिक ट्रांसजेंडरस को फायदा होगा जिनके पास यूनिवर्सिटी की डिग्री नहीं होने के कारण अच्छी नौकरी नहीं मिल पाई।
वर्ष 2014 में अप्रेल महीने में अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों के लिए ‘थर्ड जेंडर’ बनाने का फैसला सुनाया था। अपने फैसले में जस्टिस के एस राधाकृष्णनन और जस्टिस ए के सीकरी ने ट्रांसजेंडरों को थर्ड जेंडर के तहत विधिक मान्यता प्रदान करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को उन्हें सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के लिए कहा था ताकि उन्हें शैक्षणिक संस्थानों और नौकरियों में आरक्षण की सुविधा मिल सके।
अपने आवेदन पत्रों में 2012 में ‘अन्य’ वर्ग शामिल करने के बाद से इग्नू देशभर में अबतक 661 विद्यार्थियों को दाखिला दे चुका है।