अपने इस निजी और पेशेवर फैसले पर अफसोस जताते हुए नारायणमूर्ति ने कहा कि 2014 में मेरे कई संस्थापक सहयोगियों ने मुझे इतनी जल्दी इंफोसिस नहीं छोड़ने और कुछ वक्त और वहां बिताने के लिए कहा था।
नई दिल्ली: दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के संस्थापकों में से एक एनआर नारायणमूर्ति ने कहा है कि उन्हें 2014 में कंपनी के चेयरमैन का पद छोड़ने का अफसोस है। उन्हें अन्य सह-संस्थापकों की बात सुननी चाहिए थी और उस पद पर बने रहना चाहिए था। मूर्ति ने कहा कि हालांकि वह रोजाना इंफोसिस के परिसर में जाना नहीं भूलते हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मूर्ति और कंपनी के मौजूदा प्रबंधन प्रमुख विशाल सिक्का के बीच कंपनी के कामकाज संचालन के मुद्दे पर विवाद देखा गया था।
मुझे सहयोगियों की बात माननी चाहिए थी- नारायणमूर्ति
नारायणमूर्ति ने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि आम तौर पर मैं बहुत भावुक किस्म का व्यक्ति हूं। मेरे अधिकतर निर्णय आदर्शवाद पर आधारित होते हैं। शायद मुझे उनकी (सहयोगियों) बात माननी चाहिए थी।
मुझे वहां और समय बिताना चाहिए था- नारायणमूर्ति
अपने इस निजी और पेशेवर फैसले पर अफसोस जताते हुए नारायणमूर्ति ने कहा कि 2014 में मेरे कई संस्थापक सहयोगियों ने मुझे इतनी जल्दी इंफोसिस नहीं छोड़ने और कुछ वक्त और वहां बिताने के लिए कहा था।