डिमोनेटाइजेशन और अमरीका चुनाव में ट्रंप की जीत समेत कई घरेलू-वैश्विक कारणों के चलते शेयर बाजार में बेहद अस्थिरता है।
नई दिल्ली। डिमोनेटाइजेशन और अमरीका चुनाव में ट्रंप की जीत समेत कई घरेलू-वैश्विक कारणों के चलते शेयर बाजार में बेहद अस्थिरता है। शेयर मार्केट के भविष्य के संबंध में कोई भी सटीक बात कहना आसान नहीं है, लेकिन अनुमान के आधार पर ही निवेश किया जाता है। ऐसे में विभिन्न फैक्ट्स के आधार पर निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। हालांकि रिटर्न की निश्चितता की कोई गारंटी नहीं दी जा सकती है। ऐसे में शेयर बाजार में निवेशकों को कुछ सामान्य बातों का पालन करना चाहिए, जिससे सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
मार्जिन टेस्ट
मार्केट के उतार-चढ़ाव के संबंध में अनुमान मार्जिन टेस्ट और शेयर डिमांड के आधार पर लगाया जाता है। किसी भी कंपनी के स्टॉक्स में पैसा लगाने से पहले यह ध्यान रखें कि कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन किस गति से बढ़ रहा है। इससे आपको निवेश की सुरक्षा और रिटर्न के संबंध में काफी कुछ अंदाजा लग जाता है। हालांकि इसके लिए काफी लंबे अंतराल का विश्लेषण करना होता है, साथ ही इस अंतराल में दुनियाभर में हुए घटनाक्रमों को भी समझना होता है।
शेयर डिमांड
यह जानना भी जरूरी है कि किसी शेयर की मांग वास्तविक है या जबरन बढ़ाया-घटाया जा रहा है। यदि सभी लोग एक ही शेयर के लिए भाग रहे हैं तो इसका मतलब है कि कीमतों में हो रही बढ़ोतरी वास्तविक नहीं है। यह भी देखना चाहिए कि आपने जिस प्रोजेक्ट में निवेश किया है उसमें वास्तविक तौर पर आम उपभोक्ताओं का निवेश कितना है?
नेट प्रॉफिट मार्जिन
यदि आप इक्विटी में निवेश कर रहे हैं तो नेट प्रॉफिट मार्जिन की ट्रैकिंग बेहद अहम होती है। कई बार रेवेन्यू ग्रोथ लगातार अच्छी रहने के बाद भी नेट प्रॉफिट मार्जिन अच्छा नहीं रहता है। अगर यह ट्रेंड लंबे अरसे से चला आ रहा है तो ऐसे शेयरों से दूर रहना ही मुनासिब होगा। क्योंकि इसका मतलब है कि इस कंपनी ऑपरेटर्स उचित अनुपात में मुनाफा शेयर होल्डर्स तक नहीं पहुंचा रहे हैं।