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एयर इंडिया को टुकड़ों में बेचने की तैयारी कर रही है सरकार

Published: Jul 10, 2017 08:28:00 am

Submitted by:

ghanendra singh

सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में डूबी सार्वजनिक विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया को बेचने के लिए सरकार ब्रेकअप प्लान पर विचार कर रही है।

air india

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नई दिल्ली. सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में डूबी सार्वजनिक विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया को बेचने के लिए सरकार ब्रेकअप प्लान पर विचार कर रही है। इसके तहत खरीदारों को आकर्षित करने के लिए एयर इंडिया को टुकड़ों में बेचा जा सकता है और यह प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष में ही पूरी होने की उम्मीद है। नाम गोपनीय रखने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एयर इंडिया की बिक्री की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अगले साल की शुरुआत तक का समय निर्धारित किया है। अधिकारी ने कहा कि इस प्रक्रिया में काफी समय लगेगा। हालांकि, अभी इस बात का फैसला नहीं हो पाया है कि सरकार को अपने पास कुछ हिस्सेदारी रखनी चाहिए या फिर उसे पूरी तरह बेच देना चाहिए। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाले कार्यसमूह में नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू, सड़क परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री सुरेश प्रभु और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि समिति की पहली बैठक शीघ्र ही बुलाई है।


मुनाफे में एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज
एयर इंडिया की पांच इकाइयों में सिर्फ एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज और एयर इंडिया इंजीनियङ्क्षरग सर्विसेज ही मुनाफा कमा रही है। एयर इंडिया चार्टर्ड लिमिटेड, एयरलाइन अलाइड सर्विसेज लिमिटेड और होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया घाटे में चल रही है। घरेलू बाजार में यात्रियों की संख्या के हिसाब से 40 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी रखने वाली इंडिगो ने एयर इंडिया के विनिवेश में रुचि दिखाई है।

लगातार नुकसान में एयर इंडिया
एयर इंडिया पर इस समय 52 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। इसमें 22 हजार करोड़ विमानों की खरीद के लिए लिए गए हैं जबकि शेष राशि परिचालन तथा अन्य मदों के लिए ली गई पूंजी के रूप में है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2007-08 के बाद कंपनी हर साल नुकसान उठा रही है। वित्त वर्ष 2014-15 में उसे 5,859.91 करोड़ रुपए का शुद्ध नुकसान हुआ था जबकि 2015-16 में उसने 3,836.77 करोड़ रुपए का नुकसान उठाया। कुल नुकसान 55 हजार करोड़ रुपए को पार कर चुका है।

-2012 में यूपीए सरकार ने 30 हजार करोड़ का बेलआउट पैकेज दिया 
-41 इंटरनेशनल व 72 घरेलू डेस्टिनेशंस के लिए उड़ान भरती है
-14.6 % घरेलू मार्केट में एयर इंडिया की हिस्सेदारी

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