scriptप्रभु ने सुन ली गुहार, भोपाल स्टेशन को वापस मिल गई सभी ट्रेनें | Bhopal railway station was taken back to the train | Patrika News
भोपाल

प्रभु ने सुन ली गुहार, भोपाल स्टेशन को वापस मिल गई सभी ट्रेनें

राजधानीवासियों के हक के लिए पत्रिका द्वारा चलाई गई मुहिम एक बार फिर से सफल हुई। भोपाल स्टेशन से छीन कर नवंबर से बैरागढ़ से चलाई जाने वाली 6 जोड़ी ट्रेनें भोपाल से ही चलेंगी।

भोपालJul 23, 2016 / 10:44 am

Krishna singh

bhopal railway

bhopal railway

भोपाल. राजधानीवासियों के हक के लिए पत्रिका द्वारा चलाई गई मुहिम एक बार फिर से सफल हुई। भोपाल स्टेशन से छीन कर नवंबर से बैरागढ़ से चलाई जाने वाली 6 जोड़ी ट्रेनें भोपाल से ही चलेंगी। रेलवे प्रशासन ने पूर्व में जारी इस आदेश निरस्त करते हुए इन ट्रेनों को भोपाल स्टेशन से चलाए जाने के आदेश शुक्रवार को जारी कर दिए।

रेलवे प्रशासन ने 16 नवंबर से मालवा, क्षिप्रा एक्सप्रेस, इंदौर पटना सहित दर्जन भर टे्रनों का स्टॉपेज भोपाल से खत्म कर इन्हें निशातपुरा- बैरागढ़ से गुजारने का आदेश 12 जुलाई को जारी किया था। भोपाल से ये ट्रेनें छीनने के विरोध में पत्रिका ने पहले दिन से ही मुहिम शुरू की। सांसद आलोक संजर ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु के पास जाकर इन ट्रेनों को भोपाल से ही चलाने के लिए मांग पत्र सौंपा। इसके साथ ही जेडआरयूसीसी के मेंबर शैलेंद्र अग्रवाल, डीआरयूसीसी के विकास वीरानी ने भी इस संबंध में रेल मंत्रालय से पत्राचार किया। वहीं सहकारिता राज्य मंत्री विश्वास सारंग ने भी पत्रिका की मुहिम पर तत्काल रेलमंत्री को पत्र लिखा। 

फिर भोपालवासियों की आवाज बना पत्रिका
पत्रिका एक बार फिर राजधानीवासियों की आवाज बना। दर्जन भर टे्रनों को भोपाल से छीने जाने की खबर पर पत्रिका में लगातार समाचार प्रकाशित किए गए। जिम्मेदारों को सामने लाया गया। पाठकों ने इस संबंध में पत्रिका को बड़ी संख्या में राय भेजी। सब यही चाहते थे कि ट्रेनों को भोपाल से ही चलाया जाए। साथ ही बैरागढ़ स्टेशन का भी विकास हो। मुहिम रंग लाई।

बैरागढ़ में रुकेंगी टे्रनें
हालांकि एेसे यात्री जिन्होंने 16 नवंबर के बाद के लिए एडवांस में अभी से बैरागढ़ से टिकट बुक करा लिए हैं उनके लिए रेलवे ने उक्त टे्रनों के स्टॉपेज रखे हैं। ये टे्रनें 23 नवंबर तक बैरागढ़ में रुकेंगी। 

ट्रेनों का हॉल्ट बिना भोपालवासियों की राय जाने नहीं बदलना चाहिए। ‘पत्रिकाÓ की खबर के बाद मैंने रेल मंत्री सुरेश प्रभु से चर्चा की। रेलमंत्री जी से कहा, पहले रेलवे अधिकारी जनता की राय जानें फिर कोई फैसला लें। मैं भोपाल का सांसद हूं लेकिन यह फैसला जनता की राय से हो।
-आलोक संजर, सांसद 

जेआरयूसीसी मेंबर होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी थी कि हम रेल यात्रियों के हित को सर्वोपरि रखें। हमने जीएम से लेकर रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर ट्रेन का हॉल्ट यथावत रखने की मांग की थी। ट्रेनों को वापिस लाने में ‘पत्रिकाÓ ने जो मुहिम छेड़ी थी उसका नतीजा आज सामने है। 
-शैलेन्द्र अग्रवाल, सदस्य, जेआरयूसीसी

सबसे पहले तो ‘पत्रिकाÓ को बधाई। रेलवे का आदेश आने के बाद से डीआरयूसीसी मेंबर होने के नाते हम इन ट्रेनों को वापिस लाने के प्रयास में लग गए थे। हालांकि मुझे खुद रेलवे बोर्ड ने ही डीआरयूसीसी सदस्य नामित किया है लेकिन मैं रेलवे का नहीं बल्कि रेलयात्रियों का प्रतिनिधि हूं। 
-विकास वीरानी, सदस्य, डीआरयूसीसी

Hindi News/ Bhopal / प्रभु ने सुन ली गुहार, भोपाल स्टेशन को वापस मिल गई सभी ट्रेनें

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो