बेंगलूरु. डेंगू जांच के नाम मरीजों से मनमाना शुल्क लेने वाले निजी अस्पतालों एवं लैबों को स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर चेताया है। जून 2015 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री यू.टी. खादर ने डेंगू जांच के लिए 250 से 500 रुपए का शुल्क तय किया था।
इसके बावजूद निजी अस्पतालों और लैबों की मनमानी जारी है। अस्पतालों का तर्क है कि सरकारी शुल्क पर जांच करना नामुमकिन है। उसमें तो जांच का खर्च भी नहीं निकलता। इस वर्ष अब तक बेंगलूरु शहरी क्षेत्र के 35 निजी अस्पतालों एवं लैबों ने कुल 27,517 नमूनों की जांच की। इनमें से 4,254 नमूने डेंगू पॉजीटिव पाए गए।
मणिपाल अस्पताल में सर्वाधिक 1,459, कोलंबिया एशिया अस्पताल में डेंगू के 500 मामले सामने आए। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की डॉ. रेणुका ने बताया कि लागत का हवाला देकर अस्पताल जिम्मेदारियों से नहीं मुकर सकते। तय शुल्क से ज्यादा वसूलने वाले अस्पतालों एवं लैबों पर कार्रवाई होगी।