सिसोल: दक्षिण कोरिया ने आरोप लगाया है कि उत्तर कोरिया अपनी गरीबी दूर करने के लिये उसके और अन्य देशों के वित्तीय संस्थानों के कम्प्यूटरों को हैक कर रुपये चुराने की कोशिश कर रहा है। दक्षिण कोरिया के सरकार समर्थित वित्तीय सुरक्षा संस्थान (एफएसआई) की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले उत्तर कोरिया की ओर से हैकिंग के जो प्रयास किए गये, वे सामाजिक गड़बड़ी फैलाने और सरकारी या सैन्य जानकारी चुराने के लिये किए गये प्रतीत होते थे। लेकिन कुछ वर्षों से अब उसका मुख्य ध्यान विदेशी मुद्रा इकट्ठा करने की तरफ हो गया है। संदेह जताया जा रहा है कि हैकिंग समूह लजारस के पीछे उत्तर कोरियाई सरकार का हाथ है।
पिछले वर्ष हुई थी 81 अरब डॉलर की चोरी
वैश्विक साइबर सुरक्षा कंपनियों ने इस समूह को पिछले वर्ष बांग्लादेश सेंट्रल बैंक से 81 अरब डॉलर की साइबर चोरी और 2014 में सोनी के हॉलीवुड स्टूडियो पर हुए साइबर हमले से जुड़ा हुआ बताया है। अमेरिकी सरकार ने सोनी स्टूडियो हैक मामले के लिए उत्तर कोरिया को जिम्मेदार ठहराया था और वहां के अधिकारियों ने तो यहां तक कहा था कि उनके वकील उ.कोरिया के खिलाफ बंगलादेश बैंक चोरी का मामला तैयार कर रहे हैं।
रूस की साइबर सुरक्षा संस्था ने की पहचान
गत अप्रैल में रूस की साइबर सुरक्षा संस्था कासपर्सकी लैब ने भी लजारस से जुड़े ब्लुएनोरोफ नामक हैकिंग समूह की पहचान की थी जिसने कई विदेशी वित्तीय संस्थानों को अपना निशाना बनाया था। दक्षिण कोरिया के सरकारी और व्यवसायिक संस्थानों में वर्ष 2015 से 2017 के बीच हुए संदिग्ध साइबर हमलों के विश्लेषण संबंधी हालिया रिपोर्ट में लजारस से जुड़े अंडारिएल नामक एक अन्य हैकिंग समूह की पहचान की गयी है। रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लुएनोरोफ और अंडारिएल दोनों लजारियस से जुड़े हैं लेकिन उनके लक्ष्य और उद्देश्य भिन्न हैं।
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