पाकिस्तान ने शुक्रवार को दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) ने कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई दिसंबर तक टालने के भारत के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है।
नई दिल्ली/इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने शुक्रवार को दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) ने कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई दिसंबर तक टालने के भारत के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। पाक के डॉन अखबार ने ऑटार्नी जनरल अश्तर औसफ अली के हवाले से कहा कि आईसीजे ने लिखित लेटर में पाक को उसके फैसले के बारे में बताया। अली ने बताया कि भारत ने जाधव केस की सुनवाई दिंसबर तक टालने की अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने उनका अनुरोध खारिज कर दिया। भारत ने दलील दी थी कि यह एक शख्स के जीवन और मौत का मामला है। पाक ने साफ किया कि आईसीजे अपील करने की कोर्ट नहीं है। आईसीजे को यह तय करना है कि जाधव को राजनयिक पहुंच दी जा सकती है या नहीं।
विदेश मंत्रालय ने दावे को किया खारिज
नई दिल्ली. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने दावेे को खारिज करते हुए कहा कि यह तथ्यात्मक तौर पर गलत है। उन्होंने कहा कि गत 8 जून को आईसीजे के अध्यक्ष रॉनी अब्राहम ने दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों से बात की तो उन्होंने भारत से इस मामले में संबंधित दस्तावेज 13 सितंबर तक मा कराने तथा पाक से इस पर जवाबी दस्तावेज 13 दिसंबर तक देने को कहा है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के दस्तावेजों के अवलोकन के बाद आईसीजे अध्यक्ष अगली सुनवाई की तारीख के बारे में निर्णय लेंगे। बागले ने कहा कि 8 जून को इस मामले की समयसीमा के बारे में चर्चा हुई।
क्या है मामला
पाक की सैन्य कोर्ट ने अप्रैल में जाधव को जासूसी और देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया था। नौसेन से रिटायरमेंट के बाद वे ईरान में बिजनेस कर रहे थे।
आईसीजे ने 19 मई को आखिरी फैसला नहीं आने तक जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने पाक से कहा कि वियना कन्वेंशन के तहत आपको जाधव को कॉन्स्युलर एक्सेस भी देना होगा। भारत और पाक दोनों वियना कन्वेंशन का हिस्सा हैं।