चीन में वर्तमान सरकार आधिकारिक तौर पर पांच धर्मों को पहचान देती है- इसमें बौद्ध, ताओ, इस्लाम, प्रोटेस्टैंट और (कुछ बन्धनों के साथ) कैथोलिक धर्म शामिल है।
बीजिंग: चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने सदस्यों को धर्म छोडऩे को कहा है। कम्युनिस्ट पार्टी ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा नहीं करने वाले सजा के लिए तैयार रहें। धार्मिक मामलों पर नजर रखने वाले विभाग ने कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों को निर्देश देते हुए कहा है कि पार्टी की विचारधारा को मानते हुए सच्चा मार्क्सवादी बनने के लिए उन्हें धर्म छोडऩा ही होगा। चीन के आधिकारिक आंकड़ो के अनुसार कम्युनिस्ट पार्टी के देशभर में 9 करोड़ सदस्य हैं।
किसी धर्म को नहीं मानती कम्युनिस्ट पार्टी
चीन की पार्टी आधिकारिक तौर पर किसी धर्म को नहीं मानती। मार्क्सवादी सिद्धांतों के मुताबिक पार्टी खुद को नास्तिक बताती है। धार्मिक मामलों के विभाग निदेशक वांग जुआन ने पार्टी मैगजीन के हालिया अंक में सभी सदस्यों को हिदायत देते हुए लिखा है कि पार्टी के सदस्यों को किसी धर्म में यकीन नहीं रखना चाहिए। यह सभी सदस्यों के लिए चेतावनी है।
संविधान में है धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
पार्टी की विचारधारा के अलावा अगर चीन के संविधान की बात करें, तो वहां लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। इस संवैधानिक अधिकार के बावजूद अगर चीन की सत्तारूढ़ पार्टी अपने सदस्यों पर जबरन नास्तिकता अपनाने का दबाव डाल रही है, तो यह साफतौर पर संविधान के खिलाफ है।
पांच धर्म को मानने वाले लोग
चीन में वर्तमान सरकार आधिकारिक तौर पर पांच धर्मों को पहचान देती है- इसमें बौद्ध, ताओ, इस्लाम, प्रोटेस्टैंट और (कुछ बन्धनों के साथ) कैथोलिक धर्म शामिल है।
मार्क्सवादी होनी चाहिए विचारधारा
वांग ने अपने लेख में दावा किया है कि विदेशी ताकतें धर्म को हथियार बनाकर चीन में घुसपैठ करने और इसकी सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं। वांग ने लिखा कि पार्टी के सदस्यों की विचारधारा मार्क्सवादी होनी चाहिए। उन्हें नास्तिक होना चाहिए। सदस्यों को चाहिए कि वे पार्टी के नियमों का पालन करें।