scriptइस डिवाइस को पहनने के बाद दुर्घटना में नहीं होगी किसी की मौत | UP Student develops Life Saving Device while Accidents | Patrika News

इस डिवाइस को पहनने के बाद दुर्घटना में नहीं होगी किसी की मौत

Published: Dec 18, 2015 01:17:00 pm

Submitted by:

Anil Kumar

सड़क दुर्घटना में घायलों की जिंदगी बचाने वाली इस डिवाइस को यूपी के एक छात्र ने बनाया है

Life Saving Device

Life Saving Device

नई दिल्ली। यूपी के एक छात्र अक्षत प्रकाश ने ऐसी अनोखी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाई है सड़क दुर्घटना में घायलों की जिंदगी बचा सकती है। अक्षत द्वारा बनाई गई इस डिवाइस को ‘हेलिक्स सेफ’ नाम दिया गया है। उन्होंने अपनी इस डिवाइस का प्रदर्शन ताइवान में चल रही इंटरनेशनल साइंस फेयर-2015 में किया है। 

हेलिक्स सेफ डिवाइस उन घायलों के लिए वरदान साबित होगी जिन्हें सड़क दुर्घटना के बाद तुरंत इलाज नहीं मिल पाता जिससे उनकी मौत हो जाती है। एडवांस तकनीक पर बनी यह डिवाइस दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की हृदयगति का आकलन कर खुद ही उसें दवा इंजेक्ट कर देती है। इससे मरीज को अस्पताल तक पहुंचने का समय मिल जाएगा।


हेलिक्स सेफ डिवाइस को बनाने वाले 17 वर्षीय अक्षत गाजियाबाद के इंदिरापुरम क्षेत्र के निवासी है तथा डीपीएस स्कूल में 12वीं में अध्ययनरत है। उसका कहना है कि अक्सर दुर्घटना के बाद घायल व्यक्ति को लंबे समय चिकित्सकीय सहायता नहीं मिल पाती। लेकिन अब यह उनकी यह डिवाइस ऐसे मरीजों को लाइफ सपोर्ट ट्रीटमेंट उपलब्ध करा देगी।

अक्षत का कहना है कि छोटे आकार की इस डिवाइस को आसानी से पहना जा सकता है। ‘हेलिक्स सेफ’ डिवाइस व्यक्ति की धड़कनों के हिसाब से काम करती है। दुर्घटना के बाद धड़कन बढऩे पर यह खतरे को भांप लेती है और मरीज को ऑटोमेटिकली जरूरी दवा इंजेक्ट कर देती है। इतना ही नहीं बल्कि यह नजदीकी चिकित्सकीय सुविधा केंद्र को भी हादसे की सूचना देकर अलर्ट कर देती है।

अक्षत इसके 2013 में आवेदन किया था और उन्हें अब इसका पेटेंट मिला है। उनकी इस शोध का प्रकाशन ऑफिशियल पेटेंट जर्नल-2015 में हुआ है। डिवाइस का प्रोटोटाइप डिजाइन अरड्यूनो डवलपमेंट एनवायरमेंट, हर्ट रेट सेंसर व अन्य संबंधित उपकरण से बनाया गया है। अक्षत को 2013 में कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया व नर्चर टैलेंट एंड एंपबेस्ट से इनोवेशन के लिए फर्स्ट व्हिज किड अवार्ड भी मिल चुका है।

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